जिला कांग्रेस की नई टीम अस्तित्व में आ गई है। जिलाध्यक्ष मनीष निर्मल ने थोक के भाव में नियुक्तियां करते हुए ज्यादातर नए चेहरों को संगठन में ओहदेदार बनाया है। वहीं पुराने नाम को भी सूची में जगह मिली है। महासचिव से लेकर उपाध्यक्ष और सचिव तथा संयुक्त सचिव और ब्लॉक अध्यक्षों की अधिकृत सूची जारी कर संगठन में जोश भरने का काम किया गया है। बताया जा रहा है कि नई टीम पूरी तरह से सरकार की खूबियों और विपक्षी दल भाजपा की 15 साल की नाकामियों को गिनाते हुए जनसमुदाय के बीच जमीनी स्तर पर कार्य करेगी।
महासचिव के रूप में 21 युवाओं को जगह मिली है। जिसमें देवेश डाकलिया सबसे चर्चित चेहरे हैं। वह पूर्व महापौर नरेश डाकलिया के सुपुत्र हैं। युवा होने की वजह से संगठन ने उन्हें महासचिव पद के लिए बेहतर माना है। बताया जा रहा है कि देवेश से युवाओं की एक टीम जुड़ी हुई है। यह टीम सामाजिक और राजनैतिक स्तर पर हमेशा सक्रिय रही है। लिहाजा उनके नाम पर किसी को भी आपत्ति नहीं होगी। वहीं पार्षद गणेश पवार भी महासचिव बनाए गए हैं। नगर निगम में वह स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के चेयरमैन भी हैं।
चेयरमैन के तौर पर भी उन्होंने गुजरे ड़ेढ साल के भीतर बेहतर कार्य किया है। महासचिव के रूप में मोहन साहू को भी जवाबदारी मिली है। साहू भी गैर राजनीतिक कार्यक्रम का आयोजन कर युवाओं को संगठित करने के लिए सक्रिय रहे हैं। वह पूर्व प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर और महापौर हेमा देशमुख के करीबी माने जाते हैं। इस बीच संगठन में 8 उपाध्यक्ष, 16 संयुक्त महासचिव व 24 सचिव का मनोनयन किया गया है।
ब्लॉक के रूप में मोसिन खान को खैरागढ़, सौरभ वैष्णव डोंगरगढ़, सद्दाम खत्री डोंगरगांव, धर्मेन्द्र साहू खुज्जी तथा नीतिन लोन्हारे को मोहला-मानपुर विधानसभा का प्रभार सौंपा गया है।
युवक कांग्रेस की नई नियुक्तियों में राजनंादगांव विधानसभा युवक कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर चेतन भानुशाली को दोबारा जिम्मेदारी मिली है। राजनंादगांव में वह लगातार विपक्षी दल भाजपा के खिलाफ मुखर रहते जनहित में संघर्ष करते रहे हैं। उनके पास भी युवाओं की अच्छी टीम है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेता जितेन्द्र मुदलियार की पसंद पर संगठन ने उन्हें दोबारा अध्यक्ष की कमान सौंपी है। चेतन सामाजिक सरोकार से जुड़े मसलों में काफी आगे रहे हैं।
रक्तदान, कोविड-19 काल में जरूरतमंदों की मदद करने के अलावा उन्होंने दलगत राजनीति से उपर उठकर कार्य किया है। यही कारण है कि चेतन एक सशक्त युवा चेहरे माने जाते हैं। यह भी कहा जा सकता है कि उनकी लगातार सक्रियता के चलते राजनांदगांव विधानसभा में उनका विकल्प संगठन को नहीं मिला, इसलिए उनकी पुन: ताजपोशी की गई।
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