नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Central govt) देश के करोड़ों खाताधारकों के खाते में जल्द ही ब्याज की राशि ट्रांसफर कर सकता है. इस बीच सरकार ने सितंबर तिमाही के लिए जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की नई ब्याज दरें जारी कर दी हैं. इस तिमाही क लिए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है यानी इसको पुराने वाले रेट्स पर ही बरकरार रखा है. इस तिमाही भी जनरल पीएफ (General Provident Fund) खाताधारकों को 7.1 फीसदी की दर से ब्याज का फायदा मिलेगा. बता दें इन प्रोविडेंट फंड पर भी पीपीएफ (PPF) और पीएफ (PF) की तरह ही ब्याज का फायदा मिलता है.
आपको बता दें यह लगातार छठी तिमाही है जब सरकार ने जीपीएफ की ब्याज दरों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है. इससे पहले जून तिमाही में भी सरकार ने GPF पर 7.1 फीसदी ब्याज देने का फैसला किया था. अप्रैल 2020 में केंद्र सरकार ने GPF का ब्याज दर 7.9 फीसदी से घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया है.
आइए आपको बताते हैं कि GPF का 7.1 फीसदी ब्याज किन स्कीमों पर लागू होगा-
>> जनरल प्रोविडेंट फंड (सेंट्रल सर्विसेज)
>> कॉन्ट्रिब्यूटरी प्रोविडेंट फंड
>> ऑल इंडिया सर्विसेज प्रोविडेंट फंड
>> स्टेट रेलवे प्रोविडेंट फंड
>> जनरल प्रोविडेंट फंड (डिफेंस सर्विसेज)
>> इंडियन ऑर्डनेंस डिपार्टमेंट प्रोविडेंट फंड
>> इंडिया ऑर्डनेंस फैक्टरीज वर्कमैन प्रोविडेंट फंड
>> इंडिया नेवल डॉकयार्ड वर्कमैन प्रोविडेंट फंड
>> डिफेंस सर्विसेज ऑफिसर्स प्रोविडेंट फंड
>> द आर्म्ड फोर्सेस पर्सनल प्रोविडेंट फंड
क्या होता है GPF?
GPF एक तरह का प्रोविडेंट फंड अकाउंट ही है लेकिन यह हर तरह के इंप्लॉइज के लिए नहीं होता है. GPF का फायदा केवल सरकारी कर्मचारियों को ही मिलता है और वह भी रिटायरमेंट के समय ही मिलता है. इसका फायदा लेने के लिए सरकारी कर्मचारियों को अपनी सैलरी का एक निश्चित हिस्सा जीपीएफ में डालना होता है. सरकारी कर्मचारियों के एक निश्चित वर्ग के लिए जीपीएफ में योगदान करना अनिवार्य है.
किस तरह काम करता है GPF?
GPF अकाउंट में सरकारी कर्मचारी को इंस्टॉलमेंट में एक निश्वित वक्त तक योगदान देना होता है. अकाउंट होल्डर GPF खोलते वक्त नॉमिनी भी बना सकता है. अकाउंट होल्डर को रिटायरमेंट के बाद इसमें जमा पैसों का भुगतान किया जाता है, वहीं अगर अकाउंट होल्डर को कुछ हो जाए तो नॉमिनी को भुगतान किया जाता है.
GPF से लोन लेने की भी सुविधा है और खास बात यह है कि लोन ब्याज मुक्त होता है. कोई कर्मचारी अपने पूरे करियर में कितनी ही बार GPF से लोन ले सकता है यानी इसकी कोई निश्चित संख्या नहीं है.
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