भाजपा किसान मोर्चा ने धान संग्रहण केंद्रों में 4.50 लाख क्विंटल धान सड़ने का आरोप लगाया है। मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम बिहारी जायसवाल व उपाध्यक्ष गौरीशंकर श्रीवास ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि शराब माफिया को देने के लिए जान-बूझकर धान को सड़ाया गया है।
यह राष्ट्रीय क्षति और अपराध है। श्रीवास ने सरकार को चुनौती दी है कि अगर उनकी रिपोर्ट गलत है तो सरकार एफआईआर करे। एकात्म परिसर में पत्रकारों से चर्चा में नेताओं ने बताया कि उन्होंने प्रदेशभर में कार्यकर्ताओं की मदद से करीब 400 धान संग्रहण केंद्रों का जायजा लिया।
इसमें बड़े पैमाने पर धान सड़ने का खुलासा हुआ। इसकी वीडियो रिपोर्ट बनाई गई है। साथ ही, दस्तावेज भी जुटाए गए हैं। दूसरी ओर सूखत के नाम पर कर्मचारियों का वेतन काटा जा रहा है। इस वजह से कवर्धा के ही 400 कर्मचारी नौकरी छोड़ चुके हैं। राइस मिलर्स को सड़े हुए धान के उठाव के लिए दबाव डाला जा रहा है। किसान मोर्चा ने आरोप लगाया है कि किसानों से दो रुपए में गोबर खरीदकर दस रुपए में बेच रहे हैं।
धान की बर्बादी के दोषी मोदी और रमन : कांग्रेस
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि राज्य में धान बर्बादी की असली जिम्मेदार पूर्ववर्ती रमन सरकार है। भाजपा सरकार के समय भी औसतन 50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी होती थी, लेकिन भंडारण क्षमता को नहीं बढ़ाया।
राज्य में धान को खुले में और तिरपाल में एक कर रखने की परंपरा बन गयी। तत्कालीन रमन सरकार ने बड़ी-बड़ी अट्टालिकायें बनवाई। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान खरीदी केन्द्रों पर चबूतरे बनवाए ताकि धान की बर्बादी बंद हो। त्रिवेदी ने कहा कि केन्द्र सरकार की गलत नीतियों के कारण धान और चावल का उठाव नही हो पाया।
केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ का चावल लेने से इंकार किया। छत्तीसगढ़ में बने एफसीआई के गोदामों से चावल नही रहेगा तो कहां रहेगा? केन्द्र ने पहले कहा था, 60 लाख टन चावल लेकिन सिर्फ 24 लाख टन ही लिया। भाजपा नेता छत्तीसगढ़ के हितों के खिलाफ झूठ प्रपंच और षडयंत्र रचकर बड़ी-बड़ी बाते कर रहे हैं।
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