महासमुंद: बागबाहरा थाना प्रभारी स्वराज त्रिपाठी की शिकायत एक इंजीनियर ने मानव अधिकार आयोग (Human Rights Commission) से की है । उन्होंने दिए गए पत्र में थाना प्रभारी के खिलाफ पद व अधिकारों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है । बिना एफआईआर दर्ज किए के थाना प्रभारी रोबस्ट प्रोटेक्टीव्ह फार्मिंग सोलूशन के संचालक सुधांशु शर्मा के साथ मिलकर उनके कहने पर परेशान कर रहे है और अपराध पंजीबद्घ कर गिरफ्तार करने की धमकी दे रहा है।(Human Rights Commission)
अनवरपुर बागबाहरा निवासी इंजीनियर सतीश पटेल ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि 2 फरवरी 2020 को रोबस्ट प्रोटेक्टीव्ह फार्मिंग सोलूशन के संचालक सुधांशु शर्मा ने कंपनी में फिल्ड इंजीनियर के पद पर 15 हजार रुपए के मासिक वेतन में रखा था । कंपनी रायपुर की है । इसके अलावा उसने फिल्ड वर्क के लिए बाइक भी दी थी । ड्यूटी ज्वाई करने के बाद फिल्ड में काम किया, लेकिन काम कराने के बाद तीन माह का वेतन व पूर्व में किए कार्यों का पेमेंट नहीं किया है इसके अलावा अन्य सामानों का भी भुगतान करीब ढ़ाई लाख रुपए नहीं किया।
मांगने पर देने की बात कहकर टाल मटोल करता रहा है । बाद में कंपनी की नौकरी छोड़ दी । इसके बाद कंपनी के द्वारा बाइक व अन्य सामान वापस करने के लिए पत्राचार किया, लेकिन मैं संचालक से राशि के भुगतान के बाद ही सामान वापस करने की बात कहीं, तो संचालक ने कोई रिस्पांस नहीं दिया और उल्टा बागबाहरा थाना आकर प्रभारी से मिलकर बाइक व अन्य सामान वापस करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है ।
वहीं थाना प्रभारी भी गिरफ्तार व अपराध दर्ज करने की धमकी दे रहा है, जबकि मामला रायपुर के सरस्वती थाना क्षेत्र का मामला है। बिना किस घटना स्थल के बागबाहरा थाना में आकर थाना प्रभारी से सांठगांठ कर दबाव बनाकर पेरशान किया जा रहा है । इसी से क्षुब्द होकर मानव अधिकार आयोग में थाना प्रभारी पर कार्रवाई करने ज्ञापन सौंपा है ।
क्या कहते हैं थाना प्रभारी
थाना प्रभारी स्वराज त्रिपाठी का कहना है कि कंपनी के सुधाशु शर्मा थाना आकर सतीश पटेल द्वारा फोन नहीं उठाने की शिकायत किया और उसके पास सामान है जो वापस नहीं कर रहा है । ये आपके थाना क्षेत्र का रहने वाला है । इस पर अनवरपुर के सरपंच प्रतिनिधि सहजान पाश के साथ सतीश पटेल को बुलाया गया ।
दोनों के बीच लेनेदेन की बात हुई और एक दो दिन के अंदर में सामान वापस करने की बात में राजी हो गए । इस दौरान सरपंच प्रतिनिधि भी मौजदू थे । मेरे द्वारा किसी प्रकार का दबाव नहीं डाला गया है । अभी जो पद के दुरुपयोग की शिकायत मानव अधिकार आयोग से किया है, वो गलत है । मेरे द्वारा उसी आवेदन में जांच के लिए बुलाया जा रहा है, जिस आवेदन को दो दिन पहले उसने एसपी कार्यालय में जांच के लिए दिया था ।
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