कोरोना वायरस (Corona Virus) की रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी (Sputnik-V) गुरुग्राम में शुरू हो गई है. गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में आम पब्लिक को यह वैक्सीन लगाई जा रही है. वहीं दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन पहुंचने में समय लग रहा है. इसके पीछे वैक्सीन प्रोडक्शन में देरी बड़ी वजह बताई जा रही है.
भारत की डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज इस देश में इस टीके की मार्केटिंग कर रही है. जानकारी के मुताबिक सप्लाई में हो रही देरी के कारण वैक्सीन पहुंचने में देर हो रही है.
दो अलग-अलग टीकों के कारण हो सकती है देर
स्पूतनिक वी वैक्सीन सभी वैक्सीन से अलग है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें दो अलग-अलग वायरस का इस्तेमाल किया गया है. यानी इस वैक्सीन को प्रभावी बनाने में दो अलग-अलग तरह के डोज लगेंगे. जबकि बाकी वैक्सीन में ऐसा नहीं है. माना जा रहा है कि स्पूतनिक वी वैक्सीन की दोनों डोज को एक साथ देने के प्रयास के चलते देरी हो रही है.
सरकार ने तय की कीमत
स्पुतनिक वी भारत के दवा नियामक DCGI से आपातकालीन उपयोग की मंजूरी पाने वाला तीसरा टीका है. अन्य दो टीके एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन हैं. केंद्र ने स्पूतनिक वी वैक्सीन की कीमत ₹1,145 प्रति खुराक तय की है. निजी कोविड -19 टीकाकरण केंद्रों (CVCs) के लिए कोविशील्ड की अधिकतम कीमत ₹780 प्रति खुराक तय की गई है, जबकि Covaxin की ₹1,410 प्रति खुराक है. स्पुतनिक वी को रूस के गामालेया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित किया गया है.
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