दुर्ग: छत्तीसगढ़ मूर्तिकार चित्रकार(sculptor confused) संघ ने पिछले वर्ष की तरह इस बार भी शासन से गुहार लगाने की तैयारी कर ली हैं। कोरोना काल के चलते पिछले साल भी कलाकारों का दाना पानी छिन गया था और इस बार भी सरकार ने अभी तक गाइडलाइन जारी नहीं कर पाई हैं।(sculptor confused)
अब कलाकार करे तो क्या करे पिछले वर्ष मूर्तिकारों ने कर्ज लेकर मूर्तियां बनाई लेकिन शासन की गाइडलाइन मात्र दस दिन पहले आई जिससे सभी समितियों ने ऑडर केंसल कर दिया और अपना एडवांस वापस ले लिया। अगर इस बार भी ऐसे हुआ तो कलाकारों के सामने आत्म हत्या करने के अलावा कोई रास्ता नही बचेगा।
कलाकार मूर्तिकार संघ परिवार चाहता है कि शासन इस वर्ष शीघ्र गाइडलाइन जारी कर कलाकारों को मूर्तियां बनाने तथा समितियों को विराजित करने की अनुमति प्रदान करे, जिससे कलाकारों के परिवारों के घर का चूल्हा जल सके, उनके बाल बच्चों की पढ़ाई लिखाई हो सके।
उन्होंने शासन से प्रश्न करते हुए कहा कि जब दारू भट्टी में भीड़ लगी हैं उसमें कोरोना नही होता, तो क्या गणेश जी, दुर्गा पूजा करने से कैसे कोरोना होगा। सीधी सच्ची बात यह है कि सरकार हिन्दू भावनाओं को ठेस पहुंचाना चाहती है, धर्म विरोधी गतिविधियों पैदा कर रही हैं।
छत्तीसगढ़ मूर्तिकार चित्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष देवानंद साहू एवं उनके सभी सदस्यों ने अंतिम बार शासन से आग्रह करते हुए कहा कि इस समय हमारी पुकार सुनकर गाइडलाइन जारी कर कलाकारों के हित में फैसला करें।
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