जगदलपुर: बस्तर जिले में चलाये जा रहे 24 चॉइस सेंटरों में आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए जो अभियान चलाया गया था, वह बंद हो चुका है, अब चॉइस सेंटरों में आयुष्मान कार्ड नहीं बनाए जाएंगे। केवल जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेज सीएससी व पीएसी सेंटरों से ही आयुष्मान कार्ड उपलब्ध हो पाएगा।
जिले में अब तक तीन लाख आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं, जबकि 06 लाख 20 हजार कार्ड बनाने का लक्ष्य था, ऐसे में अब भी जिले में आधे से अधिक हितग्राहियों के आयुष्मान कार्ड का बनाया जाना शेष है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कॉमन सर्विस सेंटर व निजी अस्पतालों में 01 मार्च से आयुष्मान भारत कार्ड बनाने विशेष अभियान चलाया गया था। सभी चॉइस सेंटरों में आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे थे।
इसके चलते बड़ी संख्या में लोग चॉइस सेंटर पहुंच कर अपना पंजीयन करवा रहे थे, पर अब चॉइस सेंटर के पोर्टल को बंद कर दिया गया है। निर्धारित 24 चॉइस सेंटरों में 30 अप्रैल से कार्ड नहीं बन रहे हैं। लॉकडाउन के बाद चॉइस सेंटरों में कार्ड बनाने के लिए तिथि नहीं बढ़ाई गई। इस कारण कई लोग बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं करवा पाए। जिसकी वजह से उनका कार्ड अभी नहीं बन पाया है।
गौरतलब है कि जिन चॉइस सेंटर में बायोमेट्रिक सत्यापन कार्य करवाया गया है या कागज वाला कोई कार्ड बनाया गया है, वहीं से प्लास्टिक कार्ड का वितरण होगा। कार्ड प्रिंट होकर पहुंचने लगे हैं, शासन के निर्देश के मुताबिक वितरण किया जाएगा। इस योजना के तहत बीपीएल परिवार 05 लाख रुपए तक इलाज का लाभ ले सकते हैं।
पात्र परिवार इलाज की आवश्यकता होने पर किसी भी पंजीकृत शासकीय व निजी अस्पताल में पदस्थ आयुष्मान मित्र के सहयोग से केवाईसी कर सकते हैं। आयुष्मान का अस्पताल में लाभ नहीं मिलने पर 104 डायल कर शिकायत भी की जा सकती है।
आयुष्मान भारत योजना अधिकारी पृथ्वी साह ने बताया कि विशेष अभियान के तहत चॉइस सेंटर में आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा था। जिसके बंद होने पर मेडिकल कॉलेज व शासकीय अस्पतालो में आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य जारी रहेगा।
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