
रायपुर: देश के रक्षा लिए हमेशा आगें रहनें वाले जवानों को सेवानिवृत्त के बाद इलाज एवं दवाइयों के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। भारतीय सेना जिस अनुशासन एवं कर्तव्य की सर्वोच्च प्राथमिकता के नाम से जाना जाता है उसी के ही कुछ अधिकारियों के रवैये से सेना के नाम को धूमिल करनें लगें है।
सेना द्वारा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कोटा नगर में पूर्व सैनिकों एवं उनकें परिजनों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए ईसीएचएस पॉली क्लीनिक की स्थापना की गयीं है। जहाँ पर रायपुर समेत आस पास के जिलें जैसे दुर्ग, बेमेतरा, बलौदाबाजार,गरियाबंद धमतरी कांकेर आदि के छोटे छोटे एवं दूर दराज के गाँवो से भूतपूर्व सैनिक एवं उनकें परिजन अंशदायी स्वास्थ्य योजना ईसीएचएस का लाभ लेनें पॉली क्लीनिक रायपुर आतें है।
ईसीएचएस पॉली क्लीनिक में पदस्थ मेडिकल अधिकारी रिटायर्ड कर्नल सी सी दीवान ना ही कार्यालयीन समय मे मरीज़ो को देखतें है ना ही उन्हें दवाइयां उपलब्ध कराते है। उनका मरीज़ो के साथ दुर्व्यवहार करना एवं कार्य के प्रति लापरवाही बरतना एक आम बात हो गयी है। वह गंभीर मरीजों को भी बिना मतलब सुबह 10 बजें से 2.30 बजें तक बैठा देतें है। फिर 2.30 बजें के बाद कहते है कि आपका कोई भी दवाई या रेफरल का कागजात नही बनेगा। वह मरीजों को पुनः वापस भेज देतें है।
यह पूरा घटना हाल के दिनों में मीडिया तक बाहर आया जब एक गंभीर हार्ट मरीज जिनका एंजियोप्लास्टी हुआ भूतपूर्व सैनिक रूटीन चेकअप एवं दवाइयों के ईसीएचएस क्लीनिक गया था। सुबह 11 बजें से पर्ची कटने के बाद उन्हें 2.30 बजें तक इंतज़ार करनें कहा गया। फिर 2.30 बजें के बादमेडिकल अधिकारी कहता है आपका कोई भी दवाई या रेफरल का कागजात नही बनेगा यह कह कर उन्हें वापस भेज दिया गया है। ऐसे 2 -3 भूतपूर्व सैनिक जो रायपुर से बाहर दूर दूर जिलें से आये हुए थे उन्हें भी यह कहकर वापस भेज दिया गया।
यह पहला वाकया है जो इस प्रकार की शिकायत भूतपूर्व सैनिकों के द्वारा की गई है। उनके द्वारा गंभीर मरीजों को भी ना देखना बेहद गंभीर लापरवाही श्रणी में आता है। रेफरल तथा दवाइयों का वितरण नही करना भी जांच का विषय है। अपनें मनमानी तरीके से समय का निर्धारण करना हेडक्वॉर्टर छत्तीसगढ़ उड़ीसा सब एरिया (सीवोएस )के निर्देशों का पूर्ण रूप से उल्लंघन करना है।
जबकि उनके अनुसार ईसीएचएस क्लीनिक में सुबह 8 बजें से लेकर शाम 4 बजें तक मरीजों को देखा जाता है। अब इस पूरे मामलें की शिकायत भूतपूर्व सैनिकों के द्वारा रिजनल ऑफिस जबलपुर को की जा रही है। साथ ही पूरे घटना को ट्वीट के माध्यम से सैनिकों के उच्च अधिकारियों को दी जा रही है।