कोरोनावायरस ने दुनिया में काफी तबाही मचाई. कई देशों में लाशें दफ़नाने के लिए जगह की कमी हो गई. मौत और संक्रमण के आंकड़ों ने सभी को हैरान कर दिया. संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कई देशों ने लॉकडाउन लगाया. इसकी वजह से लोग घरों में कैद हो गए. इसकी वजह से लोगों की जिंदगी काफी प्रभावित हुई लेकिन प्रकृति को इससे फायदा ही हुआ.
लॉकडाउन में फैक्ट्री से लेकर सड़कों पर लोगों की संख्या कम हुई. गाड़ियां कम चली, जिससे प्रदुषण का लेवल काफी कम हो गया. इस वजह से हवा से लेकर नदियों का पानी साफ़ हो गया. इसी का नतीजा है कि तुर्की में स्थित लेक इजनिक में 16 सौ साल से दफ़न चर्च लोगों की नजरों में आ गया.इससे पहले लोगों ने सिर्फ चर्च होने की बात सुनी थी.
पर हर कोई इसे काल्पनिक समझता था. अब पानी साफ़ होते ही चर्च भी दिखाई देने लगा.इस चर्च की झलक वैसे तो 2014 से ही मिलने लगी थी लेकिन उस समय ये काई से ढंका हुआ था. इस वजह से लोग चर्च को पहचान नहीं पाए. लेकिन लॉकडाउन के दौरान घटे प्रदुषण में नदी का पानी साफ़ हुआ और चर्च पर जमी काई हटने के बाद चर्च साफ दिखाई देने लगा. अब इस क्रिस्टल क्लियर नदी के पानी के अंदर दिख रहे चर्च की तस्वीरें सामने आई है.
द आर्कियोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका (The Archaeological Institute of America) ने इस चर्च को बेस्ट 10 डिस्कवरी में शामिल किया है.
माना जाता है कि ये चर्च संत नोफीटोस की याद में AD 390 में बनाया गया था.उलुदाग यूनिवर्सिटी के आर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रॉफेसर मुस्तफा साहिन ने बताया कि ये चर्च चौथी शताब्दी में बनाया गया होगा. इसके बाद AD 740 में भूकंप आया होगा, जिसमें ये चर्च नदी में समा गया. अब इतने सालों बाद जब पानी साफ हुआ है तब लोगों की नजर में आया. 16 सौ साल पुराने चर्च की झलक से आर्कियलॉजिस्ट्स में उत्साह भर गया है. अब आगे की रिसर्च की जाएगी.
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