
रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य में कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूर्ण होने पर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि कांग्रेस अपने ढाई साल के कार्यकाल में सभी क्षेत्रों में पूरी तरह से असफल साबित हुई है।
पूर्व मुख्यमंत्री डा. सिंह ने कहा कि इन ढाई साल में जहां प्रदेश में विकास के सारे कार्य ठप रहे, वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को श्वेत पत्र जारी कर सरकार की वित्तीय स्थिति की जानकारी सार्वजनिक कर प्रदेश के जनता को बताना चाहिए।
राजधानी स्थित भाजपा कार्यालय में आज पूर्व मुख्यमंत्री डा. सिंह एवं प्रदेश अध्यक्ष डा. साय ने कांग्रेस सरकार के ढाई साल के कार्यकाल को लेकर प्रेस कांफ्रेंस वार्ता ली। डा. सिंह ने कहा कि भाजपा ने कांग्रेस सरकार के ढाई साल को लेकर पांच दिनों का महाअभियान चलाया, जिसमें भाजपा के कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ बिना प्रदर्शन किये लोगों के घरों जाकर कांग्रेस सरकार के ढाई साल को लेकर उनसे उनका विचार एवं रवैया जाना।
पूर्व मुख्यमंत्री डा. सिंह ने कहा इस महाअभियान में जनता की बातें सुनने के बाद जो रिपोर्ट आई है उससे जनता में कांग्रेस सरकार द्वारा किये गये वादाखिलाफी से काफी नाराजगी दिखी। शराब बंदी, शिक्षकों की भर्ती, बेरोजगारी भत्ता, किसानों को धान का बोनस, बिजली बिल हाफ सहित कई वादें घोषणा पत्र में करने के बाद उसे पूरा नहीं किया।
उन्होंने कहा कि इन ढाई साल में कांग्रेस सरकार ने वादाखिलाफी , बईमानी, लूट, माफियाराज के अलावा और कुछ नहीं किया। प्रदेश में कांग्रेस के राज में शराब से लेकर कोल, रेत माफिया बढ़ा है। जनता को इससे लगने लगा है कि अब वे छले गये है।
डा. सिंह ने कहा कि कांग्रेस के ढाई साल के कार्यकाल में आखिर विकास के सारे कार्य क्यों ठप है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार की वित्तीय स्थिति क्या है इसकी सच्चाई जनता के सामने आनी चाहिए। डा. सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की कि वित्तीय स्थिति को लेकर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए, ताकि जनता को भी प्रदेश की वित्तीय स्थिति की जानकारी हो।
प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने भी कांग्रेस के ढाई साल के कार्यकाल को लेकर कहा कि सरकार सभी क्षेत्रों में पूरी तरह असफल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि जनता से किये गये एक भी वादे को सरकार पूरा नहीं कर पायी है चाहे वो शराबबंदी की हो या फिर शिक्षकों की भर्ती का। सरकार ने घोषणा पत्र के जरिए जनता से जितने वादें किये थे उन्हें पूरा करने में असफल साबित हुई है।