कोरबा: SECL में विरोध दिवस मनाने का निर्णय

कोरबा। कोयला उद्योग का निजीकरण, कॉमर्शियल माइनिंग, निजी क्षेत्रों को कोल ब्लॉक आवंटन, सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने सहित सरकार के उद्योग एवं मजदूर विरोधी फैसलों के मुखालफ त करने पांच केन्द्रीय श्रमिक संगठन एक मंच पर आ गए हैं।
एचएमएस, एटक, बीएमएस, इंटक, सीटू के तत्वाधान में पूरे एसईसीएल में विरोध दिवस मनाया जाएगा। आंदोलन की रणनीति तैयार करने पांचो यूनियन के नेताओं की वर्चुवल मीटिंग हुई। इसमें एचएमएस के महामंत्री नाथूलाल पांडेय, एटक के महामंत्री हरिद्वार सिंह, बीएमएस के नेता महेन्द्रप्रताप सिंह, सीटू के महामंत्री जेएस सोढ़ी, इंटक के महामंत्री पीके राय शामिल हुए।
बैठक में कोयला उद्योग का निजीकरण, कामर्शियल माइनिंग, निजी क्षेत्रों को कोल ब्लॉक आवंटन, सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने, श्रम कानूनों में संशोधन, ठेका मजदूरों को एचपीसी वेज भुगतान, 1-1-2017 से ग्रेज्युटी 20 लाख रुपए का भुगतान, राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता 8-9 में वर्णित 9-3-0, 9-4-0, 9-5-0 के प्रावधानों को राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता 10 में भी लागू करने तथा आश्रितों को शैक्षणिक योग्यता के अनुसार रोजगार देने, कोविड-19 अवधि के दौरान सभी असंगठित श्रमिक बल को प्रतिमाह कम से कम 7500 उनके बैंक खाते में जमा करने, मनरेगा के तहत ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र में 200 दिन के रोजगार सुनिश्चित करने तथा निर्धारित मजदूरी दर प्रतिदिन 500 करने इत्यादि मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में चर्चा के बाद 10 व 11 जून को पूरे एसईसीएल में विरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। 10 जून को जुलूस, धरना, गेट मीटिंग एवं प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा जाएगा। 11 जून को काला दिवस मनाया जाएगा। इसके तहत कोयला मजदूरों के द्वारा बिल्ला लगाकर ड्यूटी जाना, खदान द्वार पर खड़े होकर खदानों की नीलामी के खिलाफ नारा लगाकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इस संबंध में मांग पत्र भी तैयार किया गया।