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नाले की तस्वीर बदली तो किसानों की तकदीर बदल गई… पांच गांवों के 1500 किसान लेने लगे दोहरी-तिहरी फसल

रायपुर: एक नाले के उपचार के बाद उसके किनारे खेती करने वाले किसानों की तकदीर जिस तरह से निखर गई उसकी कहानी सुनकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज आश्चर्य में पड़ गए। उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि किसानों के जीवन में खुशहाली लाना ही उनकी सरकार की प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कबीरधाम जिले के करोड़ों रूपए के विकास एवं निर्माण कार्यों की सौगात देने के बाद जब किसानों और ग्रामीणों से चर्चा कर रहे थे। इसी दौरान नरोधी गांव के कृषक भीखू साहू ने मुख्यमंत्री को बताया कि नर्मदा नाले में वर्षा जल की रोकथाम के लिए कराए गए उपचार कार्य से नाले की तस्वीर और किसानों की तकदीर बदल गई है। नाले में अब बरसात के बाद भी भरपूर पानी का भराव रहता है। इसकी वजह से नाले के किनारे वाले किसान यहां से पानी लिफ्ट कर दोहरी-तिहरी फसल लेने लगे हैं।

नर्मदा नाला कोयलारी गांव से निकलता है और कुरूवा, भिभौरी, सूरजपुरा जंगल, बिडोरा होते हुए नरोधी पहुंचता है। इस नाले की कुल लम्बाई 13.7 किलोमीटर है। बरसात के बाद दम तोड़ देने वाले इस नाले का नरवा विकास कार्यक्रम के तहत उपचार कराए जाने से इसमें अब मार्च महीने में भी पांच से छह फीट पानी का भराव होने लगा है। नाले के किनारे के किसान खरीफ में धान की खेती के बाद गेंहू, चना, मसूर आदि की खेती करने लगे हैं।

भीखू साहू ने बताया कि उसका आठ एकड़ का खेत नरोधी गांव में नाले से लगा हुआ है, जिसमें उसने धान की खेती के बाद गेंहू और चना की बुवाई की है। नाले में पानी का भराव होने से अब गांवों के कुएं और हैण्डपम्प भी गर्मी के दिनों में पर्याप्त पानी रहता है। गर्मी के दिनों में नाले के किनारे स्थित पड़ती रहने वाले खेतों में अब रबी की फसलें लहलहाने लगी है। यह नाला ग्रामीणों और किसानों के जीवन में खुशहाली लाने लगा है।

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