अम्बिकापुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा अनुंकपा नियुक्ति के प्रकरणों में 10 प्रतिशत की सीमा शिथिल करने के संवेदनशील निर्णय लेने से लंबित प्रकरणों का त्वरित निराकरण हो रहा है जिसेसे प्रभावितों को हौसला मिला है। श्रीमती रेखा द्विवेदी को इस नियम से अनुकम्पा नियुक्ति मिल जाने से परिवार के भरण पोषण के लिए आर्थिक और मानसिक संबल मिला। श्रीमती रेखा द्विवेदी को उनके पति स्व श्री संपूर्णानंद द्विवेदी के स्थान पर शिक्षा विभाग में सहायक ग्रेड 03 के पद पर नियुक्ति मिली है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा निर्णय लेने के 12 दिनों के भीतर ही जिले के कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा के निर्देशानुसार श्रीमती रेखा द्विवेदी को 30 मई को अनुकंपा नियुक्ति पत्र सौंपा गया। अम्बिकापुर नगर निगम के अंतर्गत वार्ड क्रमांक 18 गुरु घासीदास वार्ड में निवासरत श्रीमती रेखा ने बताया कि उनके पति स्व. श्री संपूर्णानंद द्विवेदी शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक के पद पर प्राथमिक शाला सरगंवा में कार्यरत थे। पति के 52 वर्ष में असमय देहावसान से उनके परिवार पर मानों विपत्तियों का पहाड़ ही टूट पड़ा। उनके 2 बच्चों के साथ परिवार आर्थिक एवं मानसिक रूप से बिखर गया। 4 सदस्यीय उनके परिवार का भरण-पोषण करने वाले एकमात्र सदस्य पति ही थे। पति का निधन नवंबर 2019 को हुआ था। वे कहती हैं कि मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए निर्णय के तहत ही उन्हें अनुकंपा नौकरी मिल पायी है। श्रीमती रेखा द्विवेदी एमए उत्तीर्ण हैं। नौकरी के द्वारा वे अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाना चाहती हैं।
वे कहती हैं कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा लिया गया यह निर्णय उनके जैसे सभी परिवारों को हौसला देने वाला है। इससे उनके परिवार को संबल मिला है। उन्हें केबिनेट के निर्णय के बाद उम्मीद थी कि अनुकंपा नौकरी मिल जायेगी, लेकिन निर्णय के बाद इतनी जल्दी मिल जायेगी, यह मालूम नहीं था। छत्तीसगढ़ शासन को धन्यवाद देते हुए कहती है कि सरकार एवं शिक्षा विभाग के प्रयास से उनके परिवार को पुनः से आजीविका का साधन मिल गया। नौकरी नही होने से परिवार का जीवनयापन करने के लिए पार्लर का काम करती थी।
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