एक तरफ देश में कोरोना के मामलों में कमी आ रही है तो दूसरी तरफ संक्रमण को मात देने वाले कई लोग ब्लैक फंगस/म्यूकरमाइकोसिस के शिकार बन रहे हैं। एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को रहा कि कमजोर इम्युनिटी वालों को ब्लैक फंगस का खतरा अधिक है। उन्होंने कहा कि यह फंगस मुख्य तौर पर साइनस, नाक, आंखों के आसपास की हड्डियों में पाया जाता है और मस्तिष्क में प्रवेश कर सकता है। कभी-कभी यह लंग्स और गैस्ट्रोइन्टेस्टनल ट्रैक्ट में भी मिलता है।
गुलेरिया ने यह भी कहा कि अलग-अलग हिस्सों में होने वाले फंगस का रंग भी अलग होता है। फंगल इन्फेक्शन संक्रामक रोग नहीं है, यानी यह किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले दूसरे लोगों को नहीं होता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि देश में लगातार 11वें दिन कोरोना संक्रमण के नए मामलों की तुलना में ज्यादा लोग ठीक हुए। वहीं, संक्रमण दर घटकर 8.09 प्रतिशत हो गई है। साप्ताहिक संक्रमण दर भी घटकर 12.66 प्रतिशत हो गई है। देश में 10 मई को शीर्ष पर पहुंचने के बाद उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कमी आ रही है।
पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 84,683 की कमी आने से अब 27,20,716 मरीज हैं। संक्रमण के कुल मामलों के 10.17 प्रतिशत मरीज उपचाराधीन हैं। कुल 71.62 प्रतिशत उपचाराधीन मरीज कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और ओडिशा में हैं। पिछले 24 घंटे में 19,28,127 नमूनों की जांच की गई और अब तक कुल मिलाकर 33,05,36,064 नमूनों की जांच हो चुकी है। कुल संक्रमण दर 8.09 प्रतिशत है।
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