नई दिल्ली. अरब सागर से उठा समुद्री तूफान ‘टाउते’ केरल, कर्नाटक और गोवा के तटवर्ती इलाकों में भारी तबाही मचाते हुए आगे बढ़ रहा है. इसको देखते हुए गुजरात और महाराष्ट्र को अलर्ट पर रखा गया है. इस बीच बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री मनसुख मांडविया ने रविवार को देश के पश्चिमी तटीय इलाकों के सभी राज्यों में बंदरगाह और समुद्री क्षेत्र के बोर्ड की तैयारियों की समीक्षा की. मांडविया ने ट्वीट जारी कर कहा, ‘चक्रवात टाउते को देखते हुये देश के पश्चिमी तटीय क्षेत्र के सभी राज्यों में बंदरगाहों और मेरीटाइम बोर्ड की तैयारियों की समीक्षा की.’
उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘उन्हें नुकसान को कम से कम रखने की संभावना के साथ लोगों की सुरक्षा के लिये हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिये. बंदरगाहों ने परिस्थिति का मुकाबला करने के लिये तैयार रहने का आश्वासन दिया.’ भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने रविवार को कहा कि चक्रवात टाउते तेज होकर काफी गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले रहा है और यह गुजरात के तटीय इलाकों की तरफ बढ़ रहा है. विभाग ने गुजरात और दीव एवं दमण के तटीय इलाकों के लिये चेतावनी जारी की है.
अमित शाह ने कोविड अस्पतालों, ऑक्सीजन संयंत्रों की सुरक्षा पर जोर दिया
गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात, महाराष्ट्र और केंद्र शासित दो प्रदेशों में रविवार को चक्रवात तौकते को लेकर तैयारियों की समीक्षा की और ‘विशेष तौर पर’ इस बात पर जोर दिया कि प्रभावित क्षेत्रों में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं और खासकर कोविड-19 अस्पतालों एवं रोगियों को सुरक्षित किया जाना चाहिए.
गुजरात और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों तथा दमन एवं दीव तथा दादरा एवं नगर हवेली के प्रशासकों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिए की गई बैठक में अमित शाह ने उन्हें सलाह दी कि सभी आवश्यक दवाओं का पर्याप्त भंडार एवं अस्पतालों में उनकी आपूर्ति सुनिश्चित करें. यह जानकारी गृह मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में दी गई.
चक्रवात गुजरात के तट पर 18 मई की सुबह को पहुंच सकता है और वहां 150 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और भारी बारिश हो सकती है. बयान में कहा गया कि अमित शाह ने ‘चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका वाले इलाकों में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा की.’ इसमें बताया गया, ‘उन्होंने राज्य प्रशासन/ जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी कोविड अस्पतालों, प्रयोगशालाओं, टीका शीत श्रृंखला और अन्य चिकित्सीय सुविधाओं में पर्याप्त पावर बैक-अप की व्यवस्था करें.’
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