छत्तीसगढ़ में 3.19 लाख बेटियों के बैंकों-पोस्ट ऑफिसों में खुले खाते

रायपुर। भारत सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना के तहत छत्तीसगढ़ में अब तक तीन लाख 19 हजार 690 बेटियों के खाते बैंकों और पोस्ट ऑफिसों में खुलवाये जा चुके है। प्रदेश में इस योजना का संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है। बैंकों और डाकघरों के माध्यम से चलायी जा रही इस योजना के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों के माध्यम से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में खाते खुलवाये जा रहे हैं। अब तक दो लाख 38 हजार 540 खाते पोस्ट ऑफिसों में और 81 हजार 150 खाते बैंकों में खोले गए हैं। इस योजना की शुरूआत दो दिसम्बर 2014 को हुई है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत दस वर्ष से कम आयु की बालिकाओं के नाम से एक खाता बैक अथवा डाकघर में खोला जा सकता है। पालक अपनी दो बेटियों के लिए दो खाते भी खुलवा सकते है। खोले गए खाते में बेटी के नाम से एक साल में न्यूनतम एक हजार रूपए से लेकर अधिकतम डेढ़ लाख रूपए तक जमा कर सकते है। यह राशि खाता खुलने के 14 साल तक ही जमा करना होगा और बेटी के 21 साल की होने पर पूर्ण होगा। 21 साल के बाद खाता बंद हो जाएगा और जमा राशि पालकों को मिल जाएगा। 18 से 21 साल के बीच यदि बेटी की शादी हो जाती है तो खाता उसी समय बंद हो जाएगा। योजना के नियमों के अंतर्गत बेटी के 18 साल होने पर आधा राशि निकलवा सकते है। सुकन्या समृद्धि योजना की बचत राशि पर 9.1 प्रतिशत की दर पर ब्याज निर्धारित है और इस योजना के तहत जो राशि जमा की जायगी उस पर आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के अंतर्गत छूट का प्रावधान है।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत रायगढ़ जिले में 28 हजार 476 बालिकाओं, बालोद जिले में 27 हजार 240 बालिकाओं, रायपुर जिले में 26 हजार 085 बालिकाओं, जशपुर जिले में 25 हजार 951 बालिकाओं, बिलासपुर जिले में 22 हजार 195 बालिकाओं, जांजगीर-चांपा जिले में 22 हजार 032 बालिकाओं, महासमुंद जिले में 12 हजार 880 बालिकाओं, कोण्डागांव जिले में 12 हजार 575 बालिकाओं, दुर्ग जिले में 12 हजार 180 बालिकाओं और राजनादगांव जिले में 11 हजार 725 बालिकाओं के खाते खोले गए है। उत्तर बस्तर (कांकेर) जिले में 11 हजार 671 बालिकाओं, गरियाबंद जिले में 11 हजार 395 बालिकाओं, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले मंे दस हजार 986 बालिकाओं, कोरबा जिले में नौ हजार 901 बालिकाओं, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में नौ हजार 768 बालिकाओं, सरगुजा जिले में नौ हजार 428 बालिकाओं, कोरिया जिले में आठ हजार 934 बालिकाओं, सूरजपुर जिले में आठ हजार 454 बालिकाओं और बेमेतरा जिले में आठ हजार 250 बालिकाओं के खाते खोले गए है। दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) जिले मंे आठ हजार 072 बालिकाओं, कबीरधाम जिले में छह हजार 294 बालिकाओं, धमतरी जिले में चार हजार 704 बालिकाओं, बस्तर जिले में तीन हजार 879 बालिकाओं, मुंगेली जिले में तीन हजार सात सौ बालिकाओं, बीजापुर जिले में दो हजार 181 बालिकाओं, नारायणपुर जिले में 450 बालिकाओं और सुकमा जिले में 276 बालिकाओं के खाते खोले गए हैं।