छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने कोरोना टीकाकरण में प्राथमिकता का नया फार्मुला तय कर लिया है। इसके तहत अब टीकाकरण के एक केंद्र पर एक साथ चार श्रेणियों में टीका लगाया जाएगा। अन्त्योदय, गरीबी रेखा से नीचे और सामान्य श्रेणी के लोगों के अलावा सरकार ने गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों, सरकारी कर्मचारियों, पत्रकारों, वकीलों और संक्रमण के सबसे अधिक खतरे वाले कामगारों को फ्रंटलाइन वर्कर मानकर एक चौथी श्रेणी भी बना दी है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया, “टीकाकरण का अनुपात तय हो गया है जल्द ही इसके आदेश जारी हो जाएंगे।” स्वास्थ्य के सचिव सुरेंद्र सिंह वाघे की ओर से देर शाम इस आनुपातिक वर्गीकरण का विस्तृत आदेश भी जारी कर दिया गया। इसके मुताबिक किसी केंद्र पर कुल उपलब्ध वैक्सीन का 20 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर और कोमार्बिडिटी (गंभीर बीमारियों से पीड़ित) वाले लोगों के लिए होगा। वैक्सीन का 12 प्रतिशत अन्त्योदय, निराश्रित, अन्नपूर्णा और नि:शक्त श्रेणी के राशन कार्ड वालों के लिए होगा।
वैक्सीन का 16 प्रतिशत हिस्सा APL श्रेणी के लोगों के लिए होगा और सबसे बड़ा 52 प्रतिशत हिस्सा BPL श्रेणी के कार्ड धारकों के लिए सुरक्षित होगा। टीकाकरण केंद्रों पर अब तीन की बजाय चार काउंटर लगाकर इस अनुपात में टीकाकरण किया जाना है। राज्य सरकार का यह ताजा आदेश में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के अंतिम आदेश के अधीन है। यानी इस अनुपात की वैधता पर अंतिम फैसला उच्च न्यायालय को करना है। फिलहाल सोमवार से इस अनुपात में टीकाकरण शुरू हो जाएगा।
अब यह होगा अनुपात
फ्रंटलाइन वर्कर + गंभीर बीमारी से पीड़ित– 20 प्रतिशत
गरीबी रेखा से नीचे – 52 प्रतिशत
अन्त्योदय – 16 प्रतिशत
गरीबी रेखा से ऊपर – 12 प्रतिशत
प्राथमिकता तय कर विवादों में घिरा टीकाकरण
प्रदेश में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के लिए नि:शुल्क टीकाकरण अभियान 1 मई से शुरू हुआ है। सरकार ने सबसे पहले अन्त्योदय राशनकार्ड वालों को टीका लगाना शुरू किया। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने इसको उच्च न्यायालय में चुनौती दी। 4 मई को अदालत ने कहा कि इस तरह टीकाकरण गलत है। बीमारी अमीरी-गरीबी देखकर नहीं आती। ऐसे में सरकार को सभी वर्गों में अनुपात तय करना चाहिए। उसके बाद टीकाकरण को रोक दिया गया। बाद में उच्च न्यायालय के कहने पर शनिवार से फिर टीकाकरण शुरू हुआ। इस बीच मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में बनी सचिवों की उच्च स्तरीय समिति ने टीकाकरण में सभी वर्गों का यह अनुपात तय किया है।
टीकाकरण में ऐसा वर्गीकरण करने वाला पहला प्रदे
इस फार्मुले के साा छत्तीसगढ़ कोरोना टीकाकरण में इस तरह आनुपातिक वर्गीकरण करने वाला पहला राज्य हो गया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने स्वास्थ्यकर्मी, फ्रंटलाइन वर्कर, बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों का चार वर्ग बनाया था। इन वर्गोंं का टीकाकरण अभी भी जारी है। लेकिन इन वर्गों में टीकाकरण का कोई अनुपात तय नहीं है। यह टीका कोविन पोर्टल पर पंजीयन और पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर लगाया जा रहा है।
फ्रंटलाइन वर्कर्स की नई श्रेणी में यह लोग आएंगे
फ्रंट लाईन वर्कर की नई सूची में जिन श्रेणियों को शामिल किया है उनमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिभाषित कोमार्बिडिटी वाले व्यक्ति, भोजन परोसने वाले, सब्जी विक्रेता, बस ड्राइवर, कंडक्टर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, पंचायत सचिव/कर्मी, पीडीएस दुकान प्रबंधक और विक्रेता, इंस्टिस्च्यूशनल केयर में रहने वाली महिलाएं, गांव के कोटवार एवं पटेल, राज्य सरकार के कर्मचारी, राज्य पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के कर्मचारी, वकील, पत्रकार और नजदीकी परिजन शामिल हैं। सूची में वृद्धाश्रम में, महिला देखभाल केन्द्रों एवं बच्चों की देखभाल में कार्यरत व्यक्ति, शमशान, कब्रिस्तान में कार्यरत व्यक्ति, दिव्यांग व्यक्ति, आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाली प्राथमिक कृषि सहकारी समिति, मार्कफेड, सहकारी बैंक में कार्यरत कर्मचारी, कलेक्टर द्वारा कोरोना ड्यूटी पर लगाए गए व्यक्तियों को भी शामिल किया गया है।
बंदियों को भी प्राथमिकता
सरकार ने इस बार बंदियों को भी प्राथमिकता सूची में रखा है। सरकार की ओर से कहा गया है, जेल में रहने वाले बंदियों को भी टीकाकरण में वही प्राथमिकता दी जाए जो फ्रंटलाइन वर्कर को दी जाएगी। ऐसा इसलिए क्योकि वे अपनी सुरक्षा नही कर सकते।
फ्रंटलाइन वर्कर के पास BPL कार्ड तो कार्ड वाली
श्रेणी में टीका लगेगा
अधिकारियों ने बताया, फ्रंटलाइन वर्कर श्रेणी का कोई व्यक्ति अगर APL काे छोड़कर अन्य कोई राशनकार्ड लाता है तो उसे भी उस राशनकार्ड की श्रेणी का माना जाएगा। यदि ऐसा व्यक्ति राशनकार्ड लेकर नही आता है तो उसे फ्रंट लाईन वर्कर की श्रेणी में माना जाएगा।
इन सात बीमारियों से प्रभावित लोगों को कैटगरी का फायदा
सरकार ने सात बीमारियों की एक सूची जारी की है। इससे पीड़ित लोगों को कोमॉर्बडिटी की श्रेणी में रखा गया है। इस सूची में हृदय रोग, मधुमेह, किडनी रोग, उच्च रक्तचाप, सिकलसेल-थैलिसिमिया, कैंसर और एड्स शामिल है। इस श्रेणी का फायदा लेने के लिए व्यक्ति को पंजीकृत डॉक्टर से जारी चिकित्सा प्रमाणपत्र दिखाना होगा।
टीकाकरण केंद्र से पहले अफसरों के लगाने पड़़ सकते हैं चक्कर
सरकार ने जिन पेशेवरों को फ्रंटलाइन वर्कर की श्रेणी में शामिल किया है, उन्हें टीकाकरण केंद्र पर उस पेशे से जुड़ा पहचानपत्र दिखाना होगा। सरकारी कर्मचारियों के लिए उनके जिला स्तरीय अधिकारी का प्रमाणपत्र चाहिए। वकीलों के लिए बार काउंसिल से जारी प्रमाणपत्र, पत्रकारों के लिए जिला जन संपर्क विभाग की ओर से जारी प्रमाणपत्र की जरूरत होगी। वहीं, ड्राइवर, कंडक्टर, वेंडर, श्मशान, कब्रिस्तान में काम करने वाले और ऐसे ही दूसरे लोगों को कलेक्टर द्वारा नामित अफसर से प्रमाणपत्र हासिल करना होगा।
कल तक 79, 797 को लग चुका था टीका
प्रदेश में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण 1 मई से चल रहा है। बीच में यह दो दिन बंद भी रहा। शनिवार से टीकाकरण फिर से शुरू हुआ। कल तक प्रदेश के 79 हजार 797 लोगों को कोरोना टीके की पहली डोज लग चुकी थी। अब तक हुए कुल टीकाकरण की बात करें तो प्रदेश में 58 लाख 44 हजार 835 टीके लगाए जा चुके हैं। इनमें से 8 लाख 85 हजार 905 लोगों को टीके की दोनो डोज लगाई जा चुकी है। 49 लाख 58 हजार 930 काे टीके की पहली डोज ही लग पाई है।
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