निम्हा. जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण पर काबू पाने जिले में 15 मई तक लॉकडाउन (Lockdown) लगाया है। इसके नियमों के पालन की जिम्मेदारी पुलिस, राजस्व सहित अन्य शासकीय अमले को दी गई है। लेकिन क्षेत्र में उदयपुर पुलिस पर नियमों का पालन कराने के नाम पर दुकानदारों से जबरन अवैध वसूली के आरोप लग रहे हैं।
दुकानदारों ने यह आरोप पुलिस पर लगाते हुए कहा है कि दुकान का शटर खुलवाकर अवैध वसूली (Illegal Recovery) की जा रही है। इसकी रसीद भी नहीं दी जा रही है।
सरगुजा जिले के उदयपुर थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत देवटिकरा, बरपारा में पुलिस द्वारा जबरन शटर खुलवा कर दुकान संचालक से अवैध उगाही करने का मामला प्रकाश में आया है।
दुकान संचालक कृष्णा यादव ने बताया कि शाम करीब 4 बजे चारपहिया वाहन में 5 पुलिसकर्मी आए और शटर बंद होने के बावजूद जबरन दुकान को खुलवाकर गाली-गलौज करने लगे। (Surguja Police)
साथ ही 3 हजार रुपए की मांग की जाने लगी, नहीं देने पर थाने ले जाने की धमकी दी गई। इसके बाद दुकानदार ने मोबाइल गिरवी रखकर पुलिसकर्मियों को 3 हजार रुपए दिए। इस राशि की रसीद भी नहीं दी गई। इसका दुकान संचालक द्वारा विरोध किया गया तो उसे जूता मारने की बात कही गई।
खम्हरिया में भी 8 हजार की वसूली
बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायत खमरिया के भी दो दुकानदारों से 8000 रुपए की वसूली की गई है, उन्हें भी किसी प्रकार की रसीद नहीं दी गई है। पुलिस के इस कृत्य से ग्रामीण सहित जनप्रतिनिधियों में रोष का माहौल व्याप्त है।
मामले की करवाता हूं जांच
इस संबंध में तहसीलदार सुभाष शुक्ला ने कहा कि अगर राशि जुर्माने के रूप में ली गई है तो रसीद दिया जाना चाहिए। बंद शटर वाले दुकानदारों से वसूली का कोई प्रावधान नहीं है, मैं मामले की जांच करता हूं।
तहसीलदार के माध्यम से दिलाई जाएगी रसीद
उदयपुर थाना प्रभारी अलरिक लकड़ा ने कहा कि अगर स्टाफ द्वारा रुपए लिए गए हैं तो उसकी रसीद तहसीलदार के माध्यम से दिलाई जाएगी।
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