नई दिल्ली. नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल (VK Paul) ने शुक्रवार को कहा कि भारत कोविड-19 (Covid-19) से बचाव में कारगर रूस के एक खुराक वाले ‘स्पुतनिक लाइट’ टीके (Sputnik Lite) के बारे में दावे का परीक्षण करेगा. पॉल ने कहा, ‘‘स्पुतनिक वी टीके की दो खुराकें तीन हफ्ते के अंतराल पर दी जाती हैं। इसकी खासियत ये है कि पहली और दूसरी खुराक का एंटीजन एक दूसरे से अलग है. दूसरे टीकों में दोनों खुराकें एक समान रहती है.’’
पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘स्पुतनिक लाइट के मामले में वह (टीका निर्माता) कह रहे हैं कि पहली खुराक ही पर्याप्त है.हम इस दावे का परीक्षण कर रहे हैं. हम इसके आंकड़ों और प्रभाव को लेकर गौर करेंगे। इस बारे में और जानकारी अभी आएगी.’’ पॉल से सवाल किया गया कि भारत में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के लिए क्या ‘स्पुतनिक लाइट’ टीके को अनुमति दी जाएगी.
पॉल ने कहा कि अगर टीका निर्माता का दावा सही है तो इससे भारत में टीकाकरण की रफ्तार दोगुनी करने में मदद मिल सकती है.
बता दें रूस ने कोविड-19 रोधी अपने टीके स्पुतनिक-वी की एकल-खुराक वाले संस्करण को गुरुवार को यह तर्क देते हुए नियामक मंजूरी प्रदान कर दी कि इस कदम से कोरोना वायरस के खिलाफ सामूहिक प्रतिरक्षा प्राप्त करने की प्रक्रिया में तेजी आ सकती है.
टीके के इस संस्करण का नाम ‘स्पुतनिक लाइट’ है और यह दो-खुराक वाले स्पुतनिक-वी की पहली खुराक के समान है. इसे अभी तक स्थापित वैज्ञानिक प्रोटोकॉल के अनुरूप इसकी सुरक्षा और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उन्नत परीक्षण पूरा करना बाकी है.
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार रूस ने जनवरी में ‘स्पुतनिक लाइट’ का मानव परीक्षण शुरू किया था और अध्ययन अभी भी जारी हैं.
‘स्पुतनिक लाइट’ रूस में स्वीकृत चौथा घरेलू विकसित कोविड-19 रोधी टीका है जिसे देश में मंजूरी दी गई है.
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