जगदलपुर: लॉकडाउन की लगातार दो घोषणा के बाद सब कुछ बंद हो गया, इसका सीधा असर बस्तर संभाग के मजदूर वर्ग एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक पड़ा है। जहां इतने लंबे लॉकडाउन के बाद ग्रामीण एवं मजदूर परिवारों में के घरों में राशन की किल्लत स्पष्ट दिखाई देने लगी है। प्रदेश सरकार की ताजा घोषणा में राशन कार्ड धारियों को पात्रतानुसार 02 माह का राशन मुफ्त में गांव के सरकारी राशन दुकान से मिलना है, पर ऐसा हो नहीं रहा है।
गांवों की मिनी राइस मिल बंद होने से धान कुटाई भी नहीं हो पा रही है, ऐसे में ग्रामीणों को सरकारी राशन दुकान खुलने और राशन वितरण शुरू होने का इंतजार है। गरीबों को 02 माह का राशन नहीं मिलने पर पहले से ही घरों में राशन की किल्लत बनी हुई थी। अब लॉकडाउन के बढ़ते क्रम में यह परेशानी और भी अधिक दिख रही है। यदि जल्द ही राशन दुकानों से मुफ्त में मिलने वाले दो माह के राशन की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की गई तो आने वाले दिनों में मजदूर एवं बस्तर के ग्रामीण परिवारों के समक्ष अनाज को लेकर बड़ी समस्या देखने को मिल सकती है।
बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए आने वाले एक-दो दिनों में प्रदेश सरकार के द्वारा लॉक डाउन की समीक्षा बैठक के बाद यह तय होगा कि लॉक डाउन और आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं, लेकिन लॉक डाउन के बढ़ाए जाने की संभावना अधिक दिख रही है।
लॉकडाउन के आगे बढऩे की स्थिति में मजदूर एवं गरीब परिवारों को राशन के अभाव से भूखों मरने की नौबत आ सकती है। मुफ्त राशन की सुविधा देने की घोषणा के बावजूद आज तक राशन दुकानों से मुफ्त राशन मिलना शुरू नहीं हुआ है। मजदूर वर्ग एवं बस्तर का ग्रामीण क्षेत्र के लोगों जहां सबसे अधिक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले है, उन परिवारों की सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है की लॉकडाउन से इन गरीब परिवारों की स्थिति कैसी होगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में परेशानी का आलम यह है कि राशन से लेकर साग-सब्जी उपलब्ध करवाने की मांग होने लगी है। जहां कुछ सामाजिक संगठन एवं जनप्रतिनिधि राहत पहुंचाने का प्रयास में लगे हुए हैं, लेकिन बस्तर संभाग के इतने बड़े भूभाग पर में लोगों को राशन एवं सब्जियां पहुंचाना संभव प्रतीत नहीं होता है। यदि राशन की दुकानों से 02 माह का मुफ्त राशन उपलब्ध हो जाए तो बहुत हद तक लोगों की समस्या का समाधान हो सकता है।
लॉकडाउन से मजदूर वर्ग एवं ग्रामीण बेरोजगारी एवं आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में चोरी की वारदात बढऩे लगी है। ग्रामीण क्षेत्रों में चोरी की वारदात के बढऩे का मुख्य कारण आर्थिक तंगी माना जा रहा है। बस्तर के ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतर मजदूर वर्ग ही निवास करता है, जहां से वह शहरी क्षेत्रों में मजदूरी के लिए रोजाना आता था, जिससे उसका जीवन यापन होता था, लेकिन लॉकडाउन ने इस मजदूर वर्ग को पूरी तरह से बेरोजगार कर दिया है।
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