काड़िया: मध्यप्रदेश का कड़िया गांव चोरों और जेबकतरों के लिए शिक्षा का केन्द्र बना हुआ है, क्योंकि यहां छोटी उम्र से ही बच्चों को अपराधों की शिक्षा की ट्रेनिंग दी जाती है. यहीं नहीं बच्चों के मां बाप खुद उन्हें ये सिखाने के लिए सरगनाओं को लाखों रुपये तक की फीस देते है. जी हां, चौंकिए मत यह सच है.
दरअसल इसका खुलासा राजस्ठान में हुई 10 लाख की चोरी के खुलासे के बाद हुआ है. पिछले महीने झुंझुनूं के शाहो से एक रिटायर्ड सैनिक के 10 लाख रुपये चोरी हो गए थे, जिसकी पुलिस ने सीसीटीवी से जांच कर आरोपियों की पहचान की और बाद में इनकी गिरफ्तारी हुई.
पुलिस पहुंची राजगढ़ जिले में0राजस्थान पुलिस के लिए जवान के 10 लाख रुपये को बरामद करना बड़ी चुनौती थी.इसके लिए पुलिस की दो टीम एमपी के राजगढ़ जिले के कड़िया गांव पहुंची. इस गांव के पास ही दो औऱ गांव है. जिसका नाम गुलखेड़ी और हुलखेड़ी है. इसके बारें में दैनिक भास्कर ने एएसआई अशोक कुमार से बात कि उन्होंने बताया कि..
कड़िया गांव में सांसी जाति के 2500 घर है. वहीं गुलखेड़ी में 1200 औऱ हुलखेड़ी में 500 घर है. इनमें अधिकांश परिवार चोरी के जैसे लूट, जेबकतरी, जुआ, डकैती आदि अपराधों से जुड़े हुए है और सभी देशभर में सक्रिय है. इन गांवों में पहुंचना आसान नहीं है क्योंकि यहां कभी भी हमला हो सकता है. फिर भी पुलिस ने इस गांव में रहकर जानकारी जुटाई, तो पता चला कि अभी भी कई गैंग सक्रिय है. गैंग में 7 लोग शामिल होते है, और वारदात को अंजाम देते है.
तीन लाख में दी जाती है ट्रेनिंग
इन गांव में चोरी, डकैती, जेबकतरी की ट्रेनिंग बड़े सरगना देते है. इसके लिए बकायदा मोटी फीस ली जाती है. यह फीस ढाई से तीन लाख रुपये की होती है. सुन कर हैरानी होगी कि 13 साल की उम्र से ही बच्चों को यहां खुद उनके मां बाप ट्रेनिंग के लिए भेजते है. यहां चोरी करने के बाद तेजी से भागना, भीड़ की पिटाई से बचना आदि सब सिखाया जाता है. जब बच्चे ट्रेंड हो जाते है तो सरगना बच्चों के परिजनों को साल के तीन से पांच लाख रुपए का भुगतान करता है.
वकील हमेशा तैयार रहता है
चोरों की यह गैंग बडे़ ही शातिर तरीके से वारदात को अंजाम देती है. कई बार यह गैंग सामने वाले पर गंदगी डालकर उसे चकमा दे देती है. कई बार पता पूछने के बहाने ही रकम को बड़ी सफाई से पार कर देते है. शादियों में गहने और पैसे चुराने की वारदात भी यही गैंग करती है. हालांकि ज्यादातर वारदातों में बच्चे और महिलाएं होती है, क्योंकि इन्हें आसानी से जमानत मिल जाती है. वहीं इनके पास वकीलों की भी बड़ी टीम है.
सबसे ज्यादा राजस्थान में 28 वारदात
राजस्थान पुलिस की गिरफ्त में आए चार आरोपियों ने राजस्थान में 28, मध्यप्रदेश में 17, उत्तरप्रदेश में 10, हरियाणा में 3, महाराष्ट्र में 3, छत्तीसगढ़ में 3, गुजरात में 1 मामले अंजाम देने की बात कबूली है. जो दस दिन से लेकर 2 साल पुरानी तक हैं.
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