मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का जन्म त्रेतायुग में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था, इसलिए हर वर्ष इस तिथि को राम नवमी या राम जन्मोत्सव मनाते हैं। पंडित वैभव जय जोशी के अनुसार कल पूरे देश में राम नवमी का पर्व प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाएगा। और इसी के साथ नवरात्र का समापन हो जाएगा। भगवान श्री हरि विष्णु ने रावण के वध के लिए त्रेतायुग में अयोध्या के महाराजा दशरथ के घर राम अवतार लिया। उनकी बड़ी पत्नी कौशल्या ने राम को जन्म दिया। भगवान राम के अन्य तीन भाई भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न ने क्रमश: माता कैकेयी और माता सुमित्रा के गर्भ से जन्म लिया।
समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करतें हैं प्रभु राम
राम नवमी के दिन व्रत रखने और विधि विधान से पूजा करने पर व्यक्ति की समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इस दिन रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करने से सभी कष्टों का निवारण हो जाता है।
प्रभु श्रीराम का भोग
राम नवमी के दिन भगवान राम को खीर, केसर भात या फिर धनिए का भोग लगाएं। मिठाई में प्रभु राम को बर्फी, गुलाब जामुन या कलाकंद भोग लगाना उत्तम हाेता है। पूजा सम्पन्न होने के बाद भोग लगाई गई चीजों में से प्रसाद का वितरण कर दें।
राम नवमी का शुभ मुहूर्त
नवमी तिथि आरम्भ: 21 अप्रैल 2021, बुधवार रात 12 बजकर 43 मिनट से
नवमी तिथि समाप्त: 22 अप्रैल 2021, गुरुवार रात 12 बजकर 35 मिनट तक
राम नवमी शुभ मुहूर्त: 11 बजकर 02 मिनट से 13 बजकर 38 मिनट तक
कुल अवधि: 02 घंटे 36 मिनट तक
राम नवमी का सबसे शुभ मुहूर्त: 12 बजकर 20 मिनट से
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