लंदन. ब्रिटेन ने भारत को उन देशों की ”रेड लिस्ट” में डाल दिया है, जिसके तहत गैर-ब्रिटिश और आइरिश नागरिकों के भारत से ब्रिटेन जाने पर पाबंदी रहेगी. साथ ही विदेश से लौटे ब्रितानी लोगों के लिये होटल में 10 दिन तक पृथकवास में रहना अनिवार्य कर दिया है. स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक (Matt Hancock) ने ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में इस बात की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस के तथाकथित भारतीय स्वरूप से पीड़ित होने के 103 मामले सामने आए हैं. इनमें से अधिकतर मामले विदेश से लौटे यात्रियों से संबंधित हैं. ब्रिटेन के अलावा पाकिस्तान ने भी भारत से यात्रा पर दो सप्ताह की रोक लगा दी है. पाकिस्तान सरकार ने सोमवार को नए वैरिएंट का हवाला देते हुए कहा कि अगले दो सप्ताह तक वायु और सड़क मार्ग के जरिए भारत से यात्री पाकिस्तान नहीं आ पाएंगे.
उन्होंने कहा कि उस स्वरूप का विश्लेषण किया गया ताकि यह पता लगाया जा सके कि नये स्वरूप के चिंताजनक परिणाम तो नहीं जैसे कि बड़े पैमाने पर इसका फैलना या इलाज और टीका तैयार करने में मुश्किल होना आदि. मंत्री ने सांसदों को बताया, ”आंकड़ों के विश्लेषण के बाद ऐहतियात के तौर पर हमने भारत को लाल सूची में डालने का मुश्किल, लेकिन जरूरी फैसला लिया. इसका अर्थ है कि अगर कोई गैर-ब्रिटिश या आइरिश बीते दस तक भारत में रहा है तो उसे ब्रिटेन में प्रवेश नहीं दिया जा सकता.”
हैनकॉक ने कहा कि नए नियमों को हल्के में नहीं लिया जा रहा और शुक्रवार से इन्हें लागू कर दिया जाएगा. इससे कुछ घंटे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय डाउनिंग स्ट्रीट ने देश में कोरोना वायरस के मामलों में तेज वृद्धि के मद्देनजर अगले सप्ताह होने वाली प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की यात्रा रद्द करने की घोषणा की थी.
इससे पहले, जॉनसन से जब पूछा गया था कि क्या भारत को लाल सूची में डाला जाएगा तो उन्होंने कहा था कि इस पर निर्णय काफी हद तक ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी को लेना है.
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