कोरबा: कोरोना संक्रमण के दौरान शिक्षक स्वास्थ्य अमले के साथ मिलकर काम कर रहे है। उनकी ड्यूटी भीड़ भाड़ वाले कोरोना वेक्सीनेशन में लगा दी गई है । लेकिन उन्हें मास्क व सेनेटाइजर नहीं प्रदान किया गया है। फलस्वरूप संक्रमण की आंशका से दहशत में है। जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
इसकी रोक थाम के लिए जिला प्रशासन द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए भारी भरकम सरकारी कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ रही है। जो शासन के निर्देशों का पालन करने के लिए फील्ड में जाकर काम कर सके। हमेशा की तरह शिक्षकों की सेवाएं इस कार्य में फिर ली जा रही है। जो फील्ड में स्वास्थ विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। बावजूद इसके उन्हें कोरोना वारियर्स नहीं माना जाता।
शिक्षकों की ड्यूटी वर्तमान में वैक्सीन कार्य में लगाई गई है। साथ ही जिले के बॉर्डर में आवश्यक जांच हेतु कार्य लिया जा रहा है शिक्षकों को किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जा रही है। जिससे उनमें असंतोष है। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के जिलाध्याक्ष जेपी उपाध्याय ने इस संबंध में शासन का ध्यान आकृष्ठ करते हुए मांग की है कि सभी कर्मचारियों को करोना वरियर्स मानते हुए आर्थिक लाभ प्रदान किया जाए।
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