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राजनांदगांव: मानवीय एवं संवेदनशील दृष्टिकोण से नि:स्वार्थ भाव से कार्य करने का वक्त है – डॉ. राहुल त्रिपाठी

राजनांदगांव: कोविड-19 वैश्विक महामारी की इस विभीषिका में नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के लिए हमारे कोरोना वारियर डॉ. राहुल त्रिपाठी कोरोना संक्रमित मरीजों के बीच जा कर कर्तव्यनिष्ठा के साथ उनका इलाज कर रहे हैं। यह बहुत कठिन समय है। कोरोना संक्रमित मरीजों एवं उनके परिजनों की पीड़ा देखकर डॉ. राहुल नि:स्वार्थ भाव से सेवा कर रहे हैं। हमारे कोरोना वारियर्स यह जानते हैं कि इस बार फिर कोरोना को हराने में अपनी ताकत झोंकनी होगी।

जहां कोई नहीं जा सकेंगे वहां तक पहुंचकर उन्हें अपनी सेवाएं देनी है। कोविड-19 ट्रीटमेंट हॉस्पिटल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सोमनी के डॉ. राहुल त्रिपाठी ने कहा कि पीपीई किट पहनकर लगातार 12 घंटे ड्यूटी करना कठिन होता है। हर मरीज के स्वास्थ्य की चिंता रहती है। कोरोना संक्रमित मरीज के परिजन इतने चिंतित रहते है कि कई बार उन्हें समझाना मुश्किल होता है।

वे कई बार मरीजों के परिजनों की कॉउंसिलिंग भी करते हैं कि घबराएं नहीं और मनोबल बनाए रखें। डॉक्टर का वक्त अभी बहुत कीमती है। समय बचाना है, गंवाना नहीं है। हर कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज करना है। उनके साथ उनकी टीम अथक परिश्रम कर रही है। डॉ. राहुल ने कहा कि यह समय मानवीय एवं संवेदनशील दृष्टिकोण से दूसरों के प्रति सोचने तथा उनके लिए नि:स्वार्थ भाव से कार्य करने का समय है।

डॉ. राहुल त्रिपाठी ने कहा कि मरीज के परिजन डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ की मन: स्थिति का भी ध्यान रखें। डॉक्टर एवं स्टाफ के साथ दुव्र्यवहार न करें, इससे मनोबल टूटता है। यह कठिन समय है, सभी अपने दृष्टिकोण से सोच रहे हैं, दूसरे के दृष्टिकोण से भी सोचे। हम कठिन चुनौती का सामना कर रहे हैं। ऐसी आपातकालिन परिस्थितियों में हम सभी को एक-दूसरे के सहयोग की जरूरत है।

डॉ. राहुल ने बताया कि 12 घंटे की ड्यूटी में वे तीन बार कोरोना संक्रमित मरीजों के बीच जाते हैं और उनके स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग करते हैं। मरीज को वेन प्लान लगाना होता है। उनका बीपी, पल्स, ऑक्सीजन सेचुरेशन का ध्यान रखना होता है। उन्होंने कहा कि सभी को मास्क अनिवार्य रूप से लगाना चाहिए और प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मरीज एवं उनके परिजन डॉक्टर पर भरोसा करें।

मरीज का जीवन अमूल्य है। जो उनके स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम हो सकता है, संसाधनों के अनुरूप ऐसी सेवाएं देने के लिए उनकी हरसंभव कोशिश रहेगी। डॉ. राहुल ने बताया कि उनकी माता श्रीमती कृष्णा त्रिपाठी फार्मासिस्ट हैं। अपनी माता एवं पिता श्री जीबी त्रिपाठी की प्रेरणा से वे डॉक्टर बने हैं और यह कठिन कार्य कर पा रहे हैं। उन्हें अपने माता-पिता से हौसला एवं संबल मिलता है। डॉ. राहुल ने कहा कि स्वास्थ्य की सुरक्षा सर्वोपरि है और हम सभी को इस विकट परिस्थिति से सुरक्षित निकलना है।

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