अक्सर आपने देखा होगा कि शराब पीने के बाद नशे में लोग ऊल-जलूल हरकतें करने लगते हैं. कई लोग शराब के नशे में आने के बाद अंग्रेजी बोलने लगते हैं. जबकि बिना शराब पीए हुए वही लोग अंग्रेजी बोलने में हिचकिचाते हैं.
लेकिन वही लोग जब नशे में होते हैं तो उन्हें न ही शर्म आती और ना ही वो अंग्रेजी में बात करते हुए घबराते हैं. जब कोई व्यक्ति शराब के नशे में होता है तो वह नार्मल इंसानों के मुकाबले बिना झिझक के अंग्रेजी में बात कर सकता है.
एक रिसर्च में सामने आया है कि इंसान शराब के नशे में अन्य भाषाओं को सीखने में काफी मददगार होता है. यूनिवर्सिटी ऑफ लीवरपूल, ब्रिटेन के एक कॉलेज तथा नीदरलैंड्स के यूनिवर्सिटी ऑफ मास्ट्रिच के शोधकर्ताओं ने इस पर रिसर्च किया.
शराब पीने से बढ़ती है भाषाई दक्षता
रिसर्च में सामने आया कि लिंगुइस्टिक प्रोफिसिएंशी यानि भाषाई दक्षता शराब की मात्रा से बढ़ जाती है. शोध में डच भाषा सीखने वाले 50 जर्मन लोगों के एक समूह को चुना. इनमें से कुछ लोगों को ड्रिंक में हल्की मात्रा में एल्कोहल दिया गया.
जबकि, कुछ लोगों को ड्रिंक में एल्कोहल नहीं दिया गया. शोध में सामने आया कि एल्कोहल मिली ड्रिंक पीने के बाद जर्मन लोगों के समूह को नीदरलैंड्स के लोगों से डच भाषा में बात करने को कहा गया. इसमें यह बात सामने आया कि जिन लोगों की ड्रिंक में एल्कोहल था उन्होंने शब्दों का सही उच्चारण किया. उन लोगों में भाषा के प्रयोग के दौरान बिल्कुल भी हिचकिचाहट नहीं थी.
शराब पीने से याददाश्त पर पड़ता है बुरा असर
वह लोग शराब के नशे में खुलकर डच भाषा में बात कर रहे थे. इन लोगों को उनके वजन की तुलना में हल्की मात्रा में एल्कोहल दिया गया. ये नतीजे लोगों को कम मात्रा में शराब पिलाने के बाद सामने आए. बता दें कि लोगों को दूसरी भाषा बोलने में आमतौर पर मुश्किल होती है. शराब पीने से याददाश्त और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है.
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