
बीजापुर: तर्रेम में नक्सली हमले के बाद शहीद जवान भोसाराम के चाचा का बड़ा बयान सामने आया है । तर्रेम हमले से पहले नक्सली हिड़मा पुलिस को फोन कर रहा था। हिड़मा ने अपने इलाके में आने के लिए पुलिस को चुनौती दी थी। शहीद जवान भोसाराम ने अपने चाचा को इसकी जानकारी दी थी।
नक्सलीयों के इस हमले में 22 जवान शहीद हुए। वहीं एक जवान अब भी नक्सलियों के कब्जे में है। नक्सलियों ने खुद इसकी जानकारी दी है। जवान की पांच साल की बेटी और परिजनों ने नक्सलियों से जवान की सकुशल रिहाई की मांग की है। बता दें नक्सलि पहले भी तर्रेंम की धरा को जवानों के लहू से लाल कर चुके हैं। तर्रेम सड़क में 22 वर्ष पहले माओवादियों का वो पहला बड़ा हमला, जिसमें सत्रह जवान शहीद हुए थे। बाइस बरस बाद भी कोई सबक़ नहीं।
बीजापुर ज़िले में अब तक मौओवादी का सबसे बड़ी घटनाओं में पहली घटना बासागुड़ा थाना के तर्रेम मार्ग पर गश्त से लौटती पार्टी पर बारूदी विस्फोट में 18 जवान शहीद, दूसरा घटना बीजापुर थाने के चेरपाल मार्ग पर एंटी लैंडमाइंस गाड़ी पर विस्फोट से 24 जवान शहीद।
तीसरी घटना 2005 में मुरकीनार एसटीएफ बैस कैम्प पर अटेक हमला 22 जवान शहीद। चौथी घटना 14 मार्च 2007 की रात फ़रसेगढ़ थाना के रानिबोदली बैस कैम्प पर अटैक में 55 जवान शहीद। पांचवी घटना मद्देड थाना के कोंगुपल्ली में 2008 अक्टूबर चुनाव रोड ओपनिंग पार्टी पर नक्सली के एम्बुस से 16 जवान शहिद छटवी घटना 03 अप्रैल 2021 में गश्त से लौटते वक्त नक्सलियों के एम्बुस से तर्रेम के टेकलुगुडम में 22 जवान शहिद हुए।