छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शनिवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 24 जवान शहीद हो गए। शहीदों में DRG के 8, STF के 6, कोबरा बटालियन के 9 और बस्तर बटालियन का एक जवान शामिल है। स्पेशल DG नक्सल ऑपरेशन अशोक जुनेजा ने शहीद जवानों की पुष्टि की है। मुठभेड़ में 31 जवान घायल भी हुए हैं। लापता जवानों को एयरफोर्स की मदद से रेस्क्यू कर लिया गया है। मुठभेड़ में 9 नक्सलियों के भी मारे जाने का दावा किया जा रहा है। एक महिला नक्सली का शव बरामद कर लिया गया है।
ऐसे हुआ फोर्स पर हमला
तर्रेम क्षेत्र के सिलगेर के जंगल में जोनागुड़ा के पास CRPF की कोबरा, बस्तरिया बटालियन, DRG और STF के करीब 2000 जवान पिछले दो दिनों से अलग-अलग ऑपरेशन पर निकले हुए थे। शनिवार सुबह फोर्स को सूचना मिली कि जोनागुड़ा के पास नक्सलियों का जमावड़ा है। पहले भी यहां सैटेलाइट तस्वीरों में कुछ हलचल दिखाई दे रही थी। यह सूचना फोर्स के पास आई तो जोनागुड़ा का ऑपरेशन अधिकारियों ने प्लान किया। इसके बाद सभी तरह की फोर्स, जो उस समय आसपास के जंगलों में सर्चिंग कर रही थी, उसे मैसेज दिन जाने लगे कि वो जोनागुड़ा की ओर बढ़े।
बस्तर के विशेषज्ञों के मुताबिक जोनागुड़ा का एक इलाका गुरिल्ला वार जोन के अंतर्गत आता है। इसमें गुरिल्ला वार अर्थात छिपकर हमले की रणनीति ही कारगर होती है। यहां कभी भी एक साथ फोर्स नहीं जाती, छोटी-छोटी टुकड़ियों में जाती है। लेकिन सभी फोर्स को इनपुट मिल रहे थे कि नक्सली यहां है, लिहाजा एक के बाद एक फोर्स की टुकड़ियां यहां पहुंचती रहीं। पहले से U शेप में घात लगाकर बैठे नक्सली इसी इंतजार में थे। फोर्स जैसे ही इस जोन में बड़ी संख्या में घुसी, एंबुश में फंस गई। नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग की। मुठभेड़ करीब 5 घंटे चली।
नक्सली ऊपरी इलाकों में थे, फोर्स के एंट्रेंस पर नजर रखे हुए थे, लिहाजा उन्होंने फौज का बड़ा नुकसान किया। कुछ जवानों ने यहां से लगे गांव की ओर पोजिशन के लिए वहां जाने की कोशिश की, लेकिन नक्सलियों ने वहां भी उनका पीछा कर फायरिंग की। नक्सली हमला कर हथियार, सामान लूटते गए और पीछे जंगलों में भागते गए।
शहीद जवानों की बस्तर IG ने की पुष्टि, कहा- स्थिति स्पष्ट होने में समय लगेगा
बस्तर IG पी सुंदरराज ने शहीद जवानों की पुष्टि की है। उनके नाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक 9 नक्सलियों के मारे जाने की सूचना है, जबकि 15 से ज्यादा घायल हैं। स्थिति स्पष्ट करने में और समय लग सकता है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि घटनास्थल पर 250 से ज्यादा नक्सली हो सकते हैं। इनका मूवमेंट अभी भी बना हुआ है। वहीं कुछ लापता जवानों के परिजन भी सामने आए हैं।
शाह ने बघेल से की बात, कहा- मिलकर जीतेंगे लड़ाई, CRPF के DG भी छत्तीसगढ़ पहुंचे
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को फोन कर उनसे बीजापुर में हुई नक्सली घटना के संबंध में चर्चा की। मुख्यमंत्री ने उन्हें बीजापुर में राज्य और केंद्र के सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ की मैदानी स्थिति से अवगत कराया। शाह ने कहा, केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर इस लड़ाई को अवश्य जीतेंगे। केंद्र सरकार की तरफ से जो भी आवश्यक मदद होगी वो राज्य सरकार को दी जाएगी। बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि मुठभेड़ में सुरक्षा बलों को हुई क्षति दुखद है, लेकिन फोर्स के हौसले बुलंद हैं और नक्सली हिंसा के खिलाफ यह लड़ाई हम ही जीतेंगे।
इस बीच केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के महानिदेशक कुलदीप सिंह भी रायपुर पहुंच गए हैं। उन्होंने राज्य पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अफसरों से मुलाकात की है। वे अस्पताल में भर्ती घायल जवानों से भी मिले। DG अशोक जुनेजा आज बीजापुर में मुठभेड़ वाली जगह पर भी जाएंगे।
नक्सली लीडर हिड़मा के गांव में हुई मुठभेड़
बताया जा रहा है कि जहां मुठभेड़ हुई है वह इलाका झीरम हमले के मास्टरमाइंड हिड़मा का गांव है। हमला करने वाले नक्सली उसी की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) टीम के सदस्य थे। काफी लंबे समय से गांव में नक्सलियों का जमावड़ा लग रहा था। इसकी सूचना पर बीजापुर के तर्रेम से 760, उसूर से 200, पामेड़ से 195, सुकमा के मिनपा से 483 और नरसापुरम से 420 जवान रवाना किए गए थे। जवानों की तलाश में चॉपर और UAV को भी भेजा गया है।
एक साल में पहले भी किया था बड़ा हमला, सुकमा में 17 जवान हुए थे शहीद
करीब एक साल पहले 21 मार्च को नक्सलियों ने ऐसा ही हमला सुकमा में भी किया था। इसमें 17 जवान शहीद हो गए थे। सुकमा जिले के चिंतागुफा इलाके में DRG और STF जवान सर्चिंग पर थे। एलमागुंडा के आसपास नक्सलियों के मौजूद होने की सूचना मिली थी। कोरजागुड़ा पहाड़ी के पास छिपे नक्सलियों ने चारों ओर से जवानों पर गोलियों की बौछार कर दी। जवानों ने भी जवाबी फायरिंग की, जिसके बाद नक्सली जंगल के अंदर भाग निकले थे।
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