केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एलीट कमांडो बटालियन फ़ॉर रिजॉल्यूट एक्शन यूनिट (कोबरा), सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन, डीआरजी और स्पेशल टास्क फोर्स के जवानों को बीजापुर जिले के तर्रेम इलाके में शनिवार दोपहर 12 बजे के करीब जोनागुड़ा के पास नक्सलियों ने अपने एक बड़े एंबुश में फंसा लिया। मुठभेड़ करीब तीन घंटे चली। जवानों को सूचना मिली थी कि जोनागुड़ा इलाके के पहाड़ियों पर बड़ी संख्या में नक्सलियों ने डेरा जमाया हुआ है।
इसके बाद एक ऑपरेशन प्लान किया गया और तर्रेम से 760, उसूर से 200, पामेड़ से 195, सुकमा के मिनपा से 483, नरसापुरम से 420 जवान जो करीब दो हजार की संख्या में थे उन्हें अलग-अलग टुकड़ियों में जंगलों और पहाड़ों की ओर नक्सलियों को घेरने भेजा गया था।
तर्रेम से निकली पार्टी को नक्सलियों के पीएलजीए पार्टी ने अपने एंबुश में फंसा लिया। बताया जा रहा है कि एंबुश में जवानों के फंसने के बाद उन पर तीन ओर से गोलियां बरसाई गई चूंकि जवान नक्सलियों के एंबुंश में फंस चुके थे ऐसे में पहली ही गोलीबारी में उन्हें बड़ा नुकसान हो गया। 5 जवान शहीद हुए कई घायल हुए। हालांकि जवानों ने हौसला नहीं खोया और नक्सलियों को एंबुश तोड़ते हुए तीन से ज्यादा नक्सलियों को ढेर भी कर दिया है वहीं घायल जवानों और शहीदों के शव को एंबुश से बाहर निकाला। अफसरों ने दावा किया है कि इस हमले में एक महिला नक्सली भी मारी गई है जिसका शव बरामद कर लिया है।
10 दिन से बस्तर में हैं विशेष सुरक्षा सलाहकार, इसी दौरान दो बड़े हमले
इधर पुलिस सूत्र बता रहे हैं कि राष्ट्रीय विशेष सुरक्षा सलाहकार विजय कुमार भी पिछले 10 से ज्यादा दिनों से बस्तर में डेरा डाले हुए हैं उन्हें विशेष रूप से बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे के लिए तैनात किया गया है। बताया जा रहा है कि उनकी बस्तर में मौजूदगी के बाद भी हाल ही में जवानों पर नक्सलियों ने दो बड़े हमले कर दिए। गौरतलब है कि नक्सलियों ने वर्ष 2020 दिसंबर में ही साफ कर दिया था कि वे वर्ष 2021 में बड़े हमले करेंगे।
नक्सलियों की पूरी बटालियन थी मौजूद, यहां सुजाता और हिड़मा करते हैं लीड
बीजापुर-सुकमा जिले के सरहदी इलाके जोनागुड़ा में जवानों को ऑपरेशन के लिए भेजा गया था। पूरा इलाका नक्सलियों के कोर एरिया वाला है। यहां उनकी पूरी बटालियन और कई प्लाटून तैनात रहती है। इलाके की कमान महिला नक्सली सुजाता के हाथों में है। मिलिट्री कमांड के बड़े लीडर हिड़मा की मौजूदगी में यहां नक्सली अपने अभियान ऑपरेट करते हैं। माना जा रहा है कि अफसरों को पहले से ही इस बात का अंदेशा था कि जवानों पर नक्सलियों का बड़ा हमला हो सकता है यही कारण था कि पूरे इलाके में 2 हजार से ज्यादा जवानों को उतारा गया था।
दो ट्रैक्टर में भरकर अपने साथियों के शव ले गए नक्सली: आईजी
आईजी पी सुंदरराज ने कहा कि बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर जोनागुड़ा के पास पीएलजीए बटालियन नंबर-1 से सुरक्षा बलों की मुठभेड़ हो हुई। यह मुठभेड़ करीब 3-4 घंटे तक चली। आईजी ने कहा कि तर्रेम बेस कैंप से करीब 15 किमी अंदर नक्सलियों की मौजूदगी की पुख्ता सूचना के बाद ऑपरेशन लांच किया गया। जिसमें बीजापुर डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा और सीआरपीएफ के जवान शामिल थे।
आईजी ने कहा कि नक्सलियों की ओर से पीएलजीए बटालियन नं 1 के 180 नक्सलियों के अलावा कोंटा एरिया कमेटी, पामेड़ एरिया कमेटी, जगरगुंडा एरिया कमेटी और बासागुड़ा एरिया कमेटी के लगभग ढाई सौ नक्सली शामिल होने का अनुमान है। आईजी ने बताया कि यह सूचना मिली है कि दो ट्रैक्टर भर कर नक्सली शवों को ले गए हैं इसकी तस्दीक कर रहे हैं। कम से कम 9 नक्सली मारे गए हैं। इसके अलावा 12 से 15 नक्सली घायल हुए हैं।
अचानक बदला ऑपरेशन का इलाका
मिली जानकारी के मुताबिक सुरक्षा बलों ने पहले पामेड़ इलाके में नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन प्लान किया था। लेकिन इसके बाद सुकमा-बीजापुर की सीमा पर जोनागुड़ा के पास बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद पामेड़ की जगह बीजापुर में ऑपरेशन लांच किया गया। जिसमें कोबरा व सीआरपीएफ के जवानों समेत बीजापुर और सुकमा से सुरक्षा बलों के 2058 जवान शामिल थे। लेकिन जिन जवानों से मुठभेड़ हुई उनकी संख्या लगभग 7 सौ के आसपास थी।
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