मुस्लिम समुदाय में सबसे पवित्र माना जाने वाला रमजान का पाक महीना जल्द शुरू होने वाला है. इस महीने को बरकतों का महीना माना जाता है. मुस्लिम समाज में इसकी बहुत अहमियत है. रमजान के महीने में 29 या 30 दिन के रोजे रखे जाते हैं और इबादत (Worship) की जाती है. इस एक महीने तक लोग सुबह सूरज निकलने से पहले उठते हैं और सेहरी करते हैं और शाम को सूरज ढलने के बाद इफ्तार करके रोजा खोलते हैं. रोजा रखने वालों के लिए सेहरी (Sehri) और इफ्तार (Iftar) दोनों बहुत अहमियत रखते हैं. सुबह सेहरी का समय फज्र की अजान से पहले तक रहता है. सेहरी करने के बाद लोग नमाज पढ़ते हैं और कुरान शरीफ पढ़ते हैं.
जानिए कब से शुरू हैं पवित्र रमजान
इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक रमजान के महीने की शुरुआत चांद देखने के बाद होती है. वैसे तो अभी इसकी घोषणा नहीं हुई है, मगर इस साल भारत में रमजान का महीना 13 अप्रैल से शुरू होने की उम्मीद की जा रही है. अगर 12 अप्रैल से चांद दिखाई दे गया तो 13 से पहला रोजा रखा जाएगा. ऐसे में रमजान का अंतिम रोजा 12 मई को होगा और ईद गुरुवार, 13 मई, 2021 को मनाई जाएगी. रमजान इस्लामिक कैलेंडर का 9वां महीना होता है. रमजान के महीने में अल्लाह की मुक़द्दस किताब ‘कुरान शरीफ’ नाजिल हुई.
बरकतों और इबादत का है महीना
इस पूरे महीने भर लोग एक महीने के रोजे रखते हैं. पांचों वक्त की नमाज अदा करते हैं और पूरा दिन इबादत में गुजारते हैं. कुरात शरीफ की तिलावत करते हैं. बरकतों के इस महीने में गरीबों की मदद दिल खोल कर की जाती है, दान दिए जाते हैं. वैसे तो हर बालिग मुसलमान पर रोजा फर्ज है. मगर बुजुर्ग, कम उम्र के बच्चों, बीमार लोगों और प्रेग्नेंट महिलाएं अगर रोजा रखने की ताकत नहीं रखते, तो यह उन पर फर्ज नहीं है. यानी रोजा रखना उनकी इच्छा पर है.
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