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पिछले साल आज ही के दिन मिला था पहला मरीज… फिर बढ़ रहे मामले… कंटेनमेंट जोन भी बनेंगे… फिर खुलेंगे केयर सेंटर…

राजधानी-आसपास पिछले तीन दिन से औसतन तीन सौ कोरोना संक्रमित रोज निकल रहे हैं। हालात वैसे न हों जैसे छह माह पहले थे, इसके लिए नए सिरे से तैयारी शुरू हुई है। हेल्थ और प्रशासन की तैयारी संक्रमण के बाद की परिस्थितियों तक सीमित है। रोकथाम की बड़ी जिम्मेदारी शहर के लोगों की है, क्योंकि सुरक्षित रहेंगे तो वही और अपनों को खोने का दुख भी उन्हें ही उठाना होगा।

कंटेनमेंट जोन में कुछ राहत जहां 50 केस, वहीं बनेंगे
“कोरोना के बढ़ते मामलों पर काबू करने के लिए पुराने फार्मूलों पर काम फिर शुरू किया जा रहा है। प्रशासन-निगम की टीमों को मास्क नहीं होने पर कार्रवाई के लिए शहर में उतार दिया गया है। कंटेनमेंट जोन में राहत दे रहे हैं। बांस-बल्लियों से घेरकर ऐसे जोन वहीं बनाएंगे, जहां 50 से ज्यादा मरीज मिल जाएं।



बंद किए गए माना और आयुर्वेदिक अस्पताल के साथ-साथ फुंडहर और गुढियारी के केयर सेंटरों को फिर से चालू करने की तैयारी की गई है। सेनिटाइजेशन वहीं करेंगे, जहां कोरोना के मामले निकलेंगे। अभी राजधानी-जिले में रोजाना औसतन 3 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं। इन्हें बढ़ाकर 4 हजार करेंगे। भीड़ वाले कार्यक्रमों को अनुमति देने की प्रक्रिया सख्त करने के लिए शासन के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।”
-डा. एस भारतीदासन, कलेक्टर रायपुर

कांटेक्ट ट्रेसिंग में अब सिर्फ परिजन या संपर्क वाले ही
” कांटेक्ट ट्रेसिंग व जांच की संख्या बढ़ाई जाएगी। पिछले साल शुरू में एक मरीज मिलने पर उससे जुड़े 100-150 तक लोगों को कांटेक्ट मानकर ट्रेस करते थे। इस बार मरीज के परिजन या संपर्क में आए लोगों को ही लेंगे। माेहल्लों में जांच के लिए मोबाइल वैन इसी हफ्ते शुरू की जाएंगी।

इसमें ज्यादा से ज्यादा मोहल्ले कवर होंगे। निजी क्लीनिक और अस्पताल के अलावा मेडिकल स्टोर में बुखार की दवा लेने वालों की सूची फिर मांगेंगे। यह आदेश निकाल चुके हैं, लेकिन अब सख्ती से पालन होगा। अगर संक्रमण बढ़ा तो बेड का संकट न आए, इसके लिए बंद किए गए 11 केयर सेंटर में से अधिकांश रिजर्व किए जा रहे हैं। अस्पतालों में बेड फुल होने से पहले उन्हें खोलेंगे।”
-डॉ. एसके सिन्हा, प्रभारी सीएमएचओ

घर में रहें, बाहर निकलें, बीमार हो जाएं… एक बार फिर ऐसा जरूर कर लें – डॉ. आरके पंडा, सदस्य कोरोना कोर कमेटी

मास्क लगाना शुरू कर दें क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा 99 फीसदी दूर हो सकता है।



घर में किसी को सर्दी हो तो उसे घर में ही आइसोलेट करें और इलाज शुरू करवा दें।

बुजुर्गों-बच्चों को बाहर जाने से रोकें। उन्हें सर्दी हो तो लक्षण बताकर डाक्टर से दवा लें।

सरकारी अस्पतालों और सेंटरों में कोरोना जांच फ्री है। शहर में 22 जगह जांच हो रही है।

हल्के लक्षण हों और उम्र ज्यादा न हो तो काउंसिलिंग में होम आइसोलेशन की मांग कर लें।

तबियत ज्यादा खराब लगे तो अस्पताल जाएं। शहर में 10 मोबाइल वैन भी शुरू हो रही हैं।

पूर्व में कोरोना से ठीक हो गए पर अनिद्रा, दर्द या सांस में दिक्कत हो तो दवाई शुरू करें।

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