नई दिल्ली : भारतीय टीम के पूर्व स्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह एक बार फिर पुराने अंदाज में बल्लेबाजी करते दिखे। उन्होंने रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज के मुकाबले में जिस अंदाज में बल्लेबाजी की, उससे उन्होंने 2007 टी-20 वर्ल्ड कप की याद दिला दी। रायपुर में खेली जा रही रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज में जोरदार फिफ्टी जड़ी। उन्होंने अपनी इस पारी के दौरान 2007 में खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप के उस मैच की यादें ताजा कर दीं, जब उनके बल्ले से इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ही ओवर में छह छक्के निकले थे।
हालांकि अब उनके बल्ले से लगातार छह छक्के नहीं निकले, लेकिन दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज जानडेर डि ब्रून के एक ही ओवर मे लगातार चार छक्के जडक़र उन्होंने अपनी पारी को यादगार बना दिया। जांदेर दे ब्रूएन ने पारी का 18वां ओवर किया। युवराज ने ओवर की पहली गेंद डॉट खेली।इसके बाद की अगली चार गेंदों पर उन्होंने चार छक्के लगाए। ओवर की आखिरी गेंद भी युवराज ने डॉट खेली। जांदेर दे ब्रूएन के इस ओवर में कुल 24 रन बने।
युवराज ने अपनी इस पारी के दौरान ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए महज 21 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। युवराज की तूफानी पारी के चलते भारत की टीम ने आखिरी के पांच ओवरों में महज एक विकेट खोकर 80 रन बनाए और 200 का आंकड़ा पार किया। युवराज ने अपनी अर्धशतकीय पारी के दौरान 2 चौके और छह छक्के लगाए। टी-20 में एक ही ओवर में छह छक्के लगाने वाले युवराज ने 236 के स्ट्राइक रेट से यह रन बनाए। उनके अलावा कप्तान सचिन तेंदुलकर ने भी 60 रनों की तेज पारी खेली।
मैच खत्म होने के बाद युवराज सिंह ने मीडिया से बात की। यहां अपनी पारी को लेकर उन्होंने कहा कि, लगातार चार छक्के जडऩे के बाद मैं पांचवें की तलाश में था। उस समय मैं सोच रहा था कि गेंदबाज गेंद मेरे एरिया में डाले। लेकिन तभी मुझे यह याद आया कि अभी पारी के आखिरी दो ओवर बाकी हैं। इसलिए मैंने आखिरी गेंद पर स्ट्राइक रोटेट करने का फैसला किया क्योंकि मैं पारी के आखिर तक बल्लेबाजी करना चाहता था। मैं खुश हूं कि ऐसा मैं कर पाया।
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