महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में शेगांव स्थित कोविड केयर सेंटर में कोरोना मरीजों ने प्रशासन में खाना देरी से मिलने का आरोप लगाया है. खाना न मिलने पर कोरोना मरीज सेंटर के बाहर धरना प्रदर्शन पर बैठ गए. मरीजों ने आरोप लगाया कि दोपहर दो बजे तक भी उन्हें भोजन नहीं उपलब्ध कराया गया था, जिसके चलते उन्हें प्रसाशन के खिलाफ बाहर निकलकर धरना प्रदर्शन करना पड़ा.
बुलढाणा जिले के अतिरिक्त जिलाधिकारी के अनुसार , ” मुझे बताया गया है कि खाना बनाने वाले कॉन्ट्रेक्टर के सिलिंडर ने काम करना बंद कर दिया था , जिस वजह से खाना देने में देरी हुई . हालांकि हम इस मामले में गहन पूछताछ कर रहे हैं .”
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र के कई शहरों और जिले के कस्बों में लॉकडाउन या कर्फ्यू लगाया गया है. नागपुर के बाद राज्य सरकार ने अकोला में संपूर्ण लॉकडाउन का एलान कर दिया है, जो 15 मार्च यानी सोमवार को सुबह आठ बजे तक चलेगा. वहीं पूणे में नाइट कर्फ्यू का फैसला लिया गया है.
पुणे में जिला प्रशासन ने स्कूलों और कॉलेजों को 31 मार्च तक बंद रखने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही होटलों और रेस्तरांओं को खुला रखने के समय में भी कटौती की गई है. राज्य के 36 जिलों में से तकरीबन 10 से ज्यादा जिले कोरोना की चपेट में हैं, जिसमें 8 जिलों में कर्फ्यू, लॉकडाउन और कड़े प्रतिबंध प्रशासन द्वारा लगाए गए हैं. जलगांव में भी 3 दिन का लॉकडाउन लगाया गया है.
महाराष्ट्र में शुक्रवार को 15,817 नए मामले सामने आए. लगातार तीसरे दिन इस साल के अब तक के सबसे अधिक मामले सामने आए. राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 22,82,191 हो गए, जबकि बीमारी के कारण 56 नई मौत होने के साथ मरने वालों की संख्या 52,723 तक पहुंच गई.
राज्य में पिछली बार पिछले साल दो अक्टूबर को 15,000 से अधिक मामले आए थे, जिसके बाद नए मामलों में गिरावट आई थी. लेकिन पिछले महीने मामलों में तेज उछाल आया. राज्य में बुधवार और गुरुवार को 13,659 और 14,317 मामले सामने आए.
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