गढ़ियारंगीन क्षेत्र के गांव धुबलाकरीमनगर में स्थित स्वामी दिलादास आश्रम पर रह रहे महंत स्वामी श्यामदास ने बुधवार सुबह देह त्याग दिया। उनके ब्रह्मलीन होने की खबर क्षेत्र में जैसे ही फैली तो साधु-संतों सहित क्षेत्र के नेता व भक्तों में शोक की लहर दौड़ गई। भक्तों ने आश्रम के पास विधि विधान से अंतिम क्रिया की।
स्वामी श्यामदास ने 15 वर्ष की उम्र में ही अपना परिवार त्याग दिया और वह भगवान की भक्ति में लीन हो गए धुवला करीम नगर के रहने वाले विशनपाल के घर जन्मे श्याम दास जी महाराज सात भाइयों में से तीसरे नंबर के थे। स्वामी का बचपन से ही मन पूजा-पाठ और धर्म-कर्म में रमने लगा और ध्यान लगाकर भगवान की आराधना करने लगे।
इस दौरान उन्होंने 15 वर्ष की आयु में अपने माता-पिता व घर बार को त्याग दिया और वह गांव में स्थित आश्रम पर जा पहुंचे आश्रम के महंत उस समय दिलादास थे और वह दिलादास की सेवा में लग गए। दिलादास के देहांत के बाद उन्हें उस आश्रम का उत्तराधिकारी बनाया गया, फिर उस आश्रम का नाम स्वामी दिलादास आश्रम पड़ा और उनके भक्तों का कहना है कि महंत दयालु स्वभाव के थे।
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