नई दिल्ली. केंद्र के साथ ही राज्यों की सरकार ने भी कोविड-19 वैक्सीनेशन (COVID-19 Vaccination) पर खासा जोर दिया है. देश की राजधानी दिल्ली में गुरुवार को एक दिन में सबसे ज्यादा टीकाकरण रिकॉर्ड किया गया. हालांकि अगले दिन महामारी के आंकड़े ने यह साबित कर दिया कि वैक्सीन आने के बाद लोगों में लापरवाही बढ़ी है. महाराष्ट्र के बाद दिल्ली में भी संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं. दिल्ली में एक दिन में कोरोना के 312 नए मामले सामने आए, जबकि इस दौरान तीन मरीजों की मौत भी हो गई. यहां पर पॉजिटिविटी रेट भी 0.53 फीसदी पहुंच गया है. राजधानी में अब तक 6,40,494 केस आ चुके हैं जबकि इलाज के बाद 6,27,797 लोग स्वस्थ हो चुके हैं. वहीं महामारी से 10,918 लोग जान गंवा चुके हैं.
हालांकि महाराष्ट्र इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित है. यहां पर एक दिन में 10,216 नए केस सामने आए जबकि इस दौरान संक्रमण से 53 मरीजों की मौत हो गई. हालांकि 6467 लोग आज स्वस्थ होकर घर भी लौटे हैं. राज्य में अभी तक 21,98,399 केस सामने आ चुके हैं. इसमें से 20,55,951 लोग इलाज कराकर घर लौट चुके हैं. जबकि 52,393 लोगों की जान जा चुकी है. महाराष्ट्र में अभी भी 88,838 सक्रिय मामले हैं.
कोरोना वायरस के नए स्वरूप पर कम प्रभावी हो सकता है कोविड-19 एंटीबॉडी, टीका: अध्ययन
कोरोना वायरस के नए स्वरूप पर किये गये एक अध्ययन के अनुसार कोविड-19 एंटीबॉडी पर आधारित औषधियां और अब तक विकसित टीके नए स्वरूप पर कम प्रभावी हो सकते हैं क्योंकि वायरस का नया स्वरूप बेहद तेजी से फैल रहा है. यह अध्ययन ‘नेचर मेडिसिन’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. अध्ययन में कहा गया है कि तेजी से फैलते कोरोना वायरस के तीन नए स्वरूप वायरस के मूल स्वरूप पर काम करने वाले एंटीबॉडी पर बेअसर हो सकते हैं.
सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में वायरस के नए स्वरूप का पता चला था, इसके बाद ब्रिटेन में और ब्राजील में वायरस का नया स्वरूप सामने आया था. अमेरिका के सेंट लुईस में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन से अनुसंधानकर्ताओं समेत कई वैज्ञानिकों के अनुसार चीन के वुहान से आये मूल वायरस की तुलना में कोरोना वायरस के नए स्वरूप को बेअसर करने के लिए टीकाकरण या स्वाभाविक संक्रमण के बाद बने अधिक से अधिक एंटीबॉडी या दवा के रूप में इस्तेमाल के लिए तैयार किये गये शुद्ध एंटीबॉडी की आवश्यकता होती है.
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