रायपुर। नेशनल हाईवे रायपुर-मंदिर हसौद स्थित टोल प्लाजा पर फास्टैग की अनिवार्यता तो लागू हो गई है, लेकिन दिशा-निर्देश को लेकर स्थानीय व्यवसायी, रहवासी विरोध कर रहे थे। टोल टैक्स से राहत पाने की मांग को लेकर बुधवार को मांग करते हुए उन्होंने विरोध भी किया था। इसके बाद टोल टैक्स अधिकारी सहित पुलिस प्रशासन ने तीन दिन का समय देने की बात कही थी। इस दौरान चार पहिया वाहन, ऑटो रिक्शा के गुजरने पर टैक्स नहीं लिया जा रहा था, लेकिन अब यह छूट खत्म करते हुए व्यावसायिक वाहनों को 50 फीसद, चार पहिया वाहनों को 20 फीसद छुट मिलेगी।
यह छूट फास्टैग लगाने के बाद ही मिलेगी। वहीं ज्ञात हो कि वन साइड के लिए व्यावसायिक वाहनों से 280 रुपये, कार 50 रुपये, आटो 85 रुपये लिए जाते हैं। हालांकि, इस नए निर्देश पर मंदिर हसौद लोकल बिल्डिंग मटेरियल परिवहन संघ सहित मंदिर हसौद नगर पंचायत से जुड़े लोग इसका विरोध कर रहे हैं। सोमवार को एक फिर पुरानी मांगों को लेकर टोल टैक्स अधिकारी से बात करेंगे, इसलिए शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर मांग की गई थी। यदि मांगें नहीं पूरी हुईं तो हाईवे जाम किया जाएगा।
एनएचआइ के रायपुर-मंदिर हसौद स्थित टोल प्लाजा से स्थानीय व्यवसायिक गुजरने वाले वाहनों की बात करे तो लगभग इनकी संख्या पांच हजार के करीब है। इसी तरह से निजी वाहनों की संख्या भी सात हजार के करीब है। शनिवार को नए आदेश को लेकर कई स्थानीय वाहन और टोल अधिकारी से बहस भी हुई है, क्योंकि निजी वाहनों को छूट देने की मांग की जा रही है, वहीं टोल प्लाजा मैनेजर रमेश पाठक ने बताया कि नए नियमों के तहत टोल टैक्स लिया जाएगा, जो कि शनिवार से लागू कर दिया गया है। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचआइ) के अजय ढाल ने बताया कि नियम सभी के लिए लागू होगा, जिसका पालन अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
मंदिर हसौद के रहवासी ही टैक्स भरेंगे
कैश सुविधा बंद होने के बाद टोल प्लाजा पर कई लोग फास्टैग लगवाने के लिए पहुंच रहे थे। प्राइवेट कंपनियों ने भी अपने कर्मचारी फास्टैग लगाने के लिए काउंटर बना दिए हैं। कई लोगों के पास जानकारी का अभाव होने की वजह से सही कागजात नहीं लेकर पहुंचे थे, जिससे उन्हें वापस लौटना पड़ा। मंदिर हसौद लोकल विल्डिग मटेरियल परिवहन संघ के ओमप्रकाश यदु की माने तो स्थानीय व्यापारियों सहित रहवासियों को टोल टैक्स से छूट दी जाए।
रिक्शा, चार पहिया वाहन सहित व्यापारियों को हर कार्य के लिए दिन भर में कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसे में टैक्स ही भरते रहेंगे तो परिवार का पालन कैसे होगा? क्या मंदिर हसौद के रहवासी ही टैक्स भरने के लिए है। महज तीन किलोमीटर के लिए टोल टैक्स स्थानीय लोगों से लिया जा रहा है, जबकि सेरीखेड़ी से सरोना, छतौना से आरंग तक कमर्शियल वाहनों के लिए छूट है।
Add Comment