सूरत के जानेमाने हीरा कारोबारी की 17 साल की बेटी रेन्सी ने दीक्षा ले ली है. परिवार और समाज के सामने उसने शरीर पर पहने लाखों रुपए के गहनों को एक-एक कर निकाल दिए और जैन गुरु के हाथों दीक्षा ली. दीक्षा लेने से पहले वो मनभर कर जैन मुनि और साधिकाओं के सामने नाची.
परिवार का दावा है कि रेन्सी जब 7वीं में थी तभी से धर्म के प्रति विशेष आस्था रखती थी. 21 साल पहले रेन्सी की फूफा ने भी दीक्षा ली थी. पिछले कुछ समय से फूफा जो कि अब जैन साधिका हैं उसे मिलने जाती थी और उसके बाद जैन धर्म के प्रति श्रद्धा और बढ़ी.
फूफा के रास्तों पर चलते हुए उसने भी संसार को छोड़ने का की बात परिवार के आगे रखी. परिवार ने भारी दिल से रेसी को अनुमति दी. साधिका बनने से पहले सभी रस्मों को पूरा किया गया. रेन्सी कि हर चाहत को परिवार ने पूरा किया.
सोमवार को संसारिक जीवन छोड़ने से पहले रेन्सी को लाखों रुपए के गहने पहनाए गए जो रेन्सी ने एक-एक कार जैन मुनियों के सामने उतार दिए और बाद में गच्छाधिपति अभय देव सूरीश्वर जी के हाथों से दीक्षा दी गई.
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