उत्तराखंड में रविवार की सुबह काल बनकर आई. राज्य के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के चलते देखते ही देखते कई मकान तबाह हो गए और कई जिंदगियां काल के गाल में समा गईं. सुबह 10 से 11 बजे के दौरान हुई इस घटना में कई लोग लापता हैं. बचाव के लिए सेना, आईटीबीपी, एयरफोर्स और कई अन्य दल जुटे हुए हैं. रात बीतने के बाद अब बचाव कार्य फिर से शुरू कर दिया गया है.
10 लोगों के शव बरामद
रविवार की देर रात MHA की तरफ से जारी बयान के मुताबिक इस घटना में अबतक 10 लोगों के शव बरामद किए गए हैं. वहीं 25 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है जबकि 6 लोग घायल हैं. ग्लेशियर टूटने के बाद सैलाब इतना तेज था कि PWD के पांच पुल भी बह गए. आईटीबीपी के जवानों ने एक सुरंग से 16 लोगों को बाहर निकाला है. वहीं, दूसरी सुरंग में 30 लोगों के फंसे होने की आशंका है.
देहरादून पहुंचे स्पेशल बचावकर्मी
ग्लेशियर टूटने के बाद बचाव कार्य के लिए स्पेशल बचावकर्मियों को दिल्ली से एयरलिफ्ट किया गया. ये बचावकर्मी रविवार की शाम देहरादून पहुंचे हैं. यहां से इन्हें प्रभावित इलाकों में ले जाया जाएगा. जिसके बाद सोमवार की सुबह यानी आज 6:45 बजे से बचाव कार्य शुरू किया गया.
DRDO एक्सपर्ट की टीम पहुंचेगी उत्तराखंड
ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद सोमवार को DRDO एक्सपर्ट की एक टीम उत्तराखंड पहुंचेगी. ये टीम चमोली में हादसे वाली जगह का मुआयना कर स्थिति का आकलन करेगी. DRDO एक्सपर्ट की टीम आसपास के ग्लेशियरों का भी अध्ययन करेगी.
मलबा हटाने के लिए लाई गईं भारी मशीनें
मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए भारी एक्सवेटर मशीनें तैनात की गई हैं. इन मशीनों के जरिए सुरंगों पर पड़े मलबों को हटाया जाएगा जिससे अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला जा सके. मौके पर आईटीबीपी की टीम मौजूद है. देर शाम जलस्तर के बढ़ने के चलते बचाव कार्य में दिक्कत आ रही थी.
टिहरी से पानी छोड़ने के निर्देश
देर रात अलकनंदा का जलस्तर बढ़ने की बात सामने आई थी. ग्लेशियर टूटने के बाद तपोवन के पास झील बन गई है, जिसके बाद टिहरी से पानी छोड़ने का डीएम ने निर्देश दे दिया है. हालांकि पानी छोड़ दिया गया है इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
150 मीटर ही हो सकी खुदाई
उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक मलबों में दबी सुरंगों की खुदाई 150 मीटर ही हो पाई है. जलस्तर बढ़ने के कारण बचाव कार्य रोक दिया गया था. पुलिस के मुताबिक लापता लोगों में अधिकांश लोग दो प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे. पुलिस का कहना है कि सोमवार की सुबह लापता लोगों की पहचान के बारे में और तस्वीर स्पष्ट हो सकेगी. बता दें कि इस आपदा से ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी प्रोजेक्ट को भारी नुकसान हुआ है. इन प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे करीब 100 लोग लापता बताए जा रहे हैं.
तबाह हुआ ऋषि गंगा प्रोजेक्ट
भारतीय वायुसेना के हवाई जायजे की रिपोर्ट के मुताबिक धौली गंगा और ऋषि गंगा के संगम पर बना तपोवन हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर डैम ग्लेशियर टूटने के चलते पूरी तरह से तबाह हो गया है. इस प्रोजेक्ट को ऋषि गंगा प्रोजेक्ट भी कहा जाता है. तपोवन के पास मलारी वैली की शुरुआत में बने दो पुल भी पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं.
बढ़ रहा है जलस्तर
SDRF के मुताबिक अलकनंदा का जलस्तर बढ़ गया है. टनल वाले इलाके में भी जहां धौली गंगा मिलती है वहां भी जलस्तर बढ़ा हुआ है. चमोली पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान के आदेशानुसार पुलिस द्वारा नदी के आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों को अलर्ट किया गया है.
NTPC टनल पर बचाव कार्य रुका
रविवार की शाम NTPC की 900 मीटर लंबी टनल पर बचाव कार्य रोक दिया गया. उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक जलस्तर बढ़ने के बाद यहां बचाव कार्य रोकना पड़ा. इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे कई लोग अभी भी लापता हैं.
हेलीकॉप्टर से गिराए जाएंगे राशन पैकेट
तपोवन में आपदा से जिन 13 गांवों से संपर्क टूट गया है जिला प्रशासन के द्वारा यहां पर हेलिकॉप्टर से राशन के पैकेट गिराए जाएंगे. इसके लिए राशन के पैकेट तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है. आपदा के चलते गाहर, भांग्यू, रैनी पल्ली, पांग लता, सुरईहोता, तोलमा, फगरासू जैसे कई गांवों से संपर्क पूरी तरह टूट गया है.
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