अपनी ही जमीन का मामला सदन में उठाया
रायपुर। छग विधानसभा में सत्र के दौरान एक ऐसा नजारा भी देखने को मिला जब एक विधायक ने अपनी ही जमीन की रजिस्टी निरस्त होने का मामला सदन में उठाते हुए अधिकारियों पर भेदभाव पूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया। यह मामला उठाने वाले विधायक कोई और नहीं बल्कि कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल है। इस दौरान इस विधायक जयसिंह को सदन में टोकाटोकी का भी सामना करना पड़ा। सदन में आलम यह था कि एक घंटे के प्रश्नकाल में 26 मिनट सिर्फ जयसिंह की जमीन पर निकल गया। जयसिंह के साथ नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि जब जनप्रतिनिधियों के साथ यह सलूक किया जा रहा है तो आम आदमी के साथ क्या हो रहा होगा।
टीएस ने कहा कि जमीन रजिस्ट्री निरस्त करने वाले अफसरों को सरकार संरक्षण दे रही है। ऐसे अफसरों के खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। जयसिंह के पक्ष में सत्यनारायण शर्मा, अमरजीत भगत, मोहन मरकाम भी खड़े हुए। राजस्व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि जमीन की शिकायत होने पर एसडीएम ने जांच कराई थी। उसके बाद जमीन की रजिस्ट्री निरस्त हुई थी। कमिश्नर ने इस पर स्टे देते हुए एसडीएम को सभी पक्षों को सुनने का मौका देने कहा है। इसकी सुनवाई भी शुरू हो चुकी है। प्रेमप्रकाश यहां तक कह गए कि सुनवाई में कौन हाजिर हुआ, कौन नोटिस देने के बाद भी अनुपस्थित रहा, मेरे पास उनके नाम भी हैं, आप कहेंगे तो बता दूंगा। उन्होंने कहा कि भेदभावपूर्ण कार्रवाई का आरोप निराधार है। अगर किसी जमीन के बारे में शिकायत होती है तो जांच करना शासन का कर्तव्य है। लेकिन, उनके जवाब से अंसतुष्ट होकर कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया।
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