नई दिल्ली. केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने राज्यों के वस्तु व सेवा कर मुआवजे (GST Compensation) में कमी की भरपाई के लिए 6,000 करोड़ रुपये की 11वीं साप्ताहिक किस्त (Weekly Installment) जारी कर दी है. केंद्र सरकार अब तक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (States & UTs) को 66,000 करोड़ रुपये जारी कर चुकी है. बता दें कि केंद्र सरकार (Central Government) ने जीएसटी लागू होने के कारण राज्यों के राजस्व में करीब 1.10 लाख करोड़ रुपये की कमी की भरपाई के लिए अक्टूबर 2020 में विशेष कर्ज सुविधा (Special Loan Facility) शुरू की थी. इस सुविधा के तहत केंद्र सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से लोन लेकर उन्हें क्षतिपूर्ति कर रही है.
तीन केंद्रशासित प्रदेशों को मिले कुल 483 करोड़ रुपये
वित्त मंत्रालय ने कहा कि जारी की गई 6,000 करोड़ रुपये की 11वीं किस्त में 5,516.60 करोड़ रुपये 23 राज्यों को जारी किए गए हैं. वहीं, केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और पुड्डुचेरी को 483.40 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड और सिक्किम में जीएसटी लागू करने से उनके राजस्व में कोई कमी नहीं हुई है. इसलिए उन्हें क्षतिपूर्ति के तौर पर कोई भुगतान नहीं किया गया है. इस सप्ताह केंद्र ने 5.10 फीसदी की ब्याज दर पर कर्ज लिया है. अब तक केंद्र सरकार इस सुविधा के तहत औसतन 4.72 फीसदी की ब्याज पर 66,000 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है.
व्यवस्था से केंद्र के राजकोषीय घाटे पर नहीं होगा असर
केंद्र सरकार ने राज्यों को 23 अक्टूबर 2020, 2 नवंबर, 9 नवंबर, 23 नवंबर, 1 दिसंबर, 7 दिसंबर, 14 दिसंबर, 21 दिसंबर, 28 दिसंबर, 2020, 4 जनवरी 2021 और 11 जनवरी को किस्त जारी की है. वित्त मंत्रालय ने बताया था कि वह हर सप्ताह राज्यों को 6,000 करोड़ रुपये जारी करेगा. इस व्यवस्था से केंद्र के राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) पर असर नहीं होगा और राज्य सरकारों की पूंजी प्राप्ति के रूप में दिखाई देगा. वित्त मंत्रालय ने अक्टूबर 2020 में कहा था कि केंद्र राज्यों को जीएसटी कलेक्शन में 1.1 लाख करोड़ रुपये की कमी की क्षतिपूर्ति के लिए बाजार से किस्तों में कर्ज उठाएगा.
केंद्र सरकार ने जीएसटी क्षतिपूर्ति के दिए थे दो विकल्प
केंद्र ने जीएसटी क्षतिपूर्ति को लेकर अगस्त 2020 में सभी राज्यों को दो विकल्प दिए थे. पहले विकल्प के तहत राज्य जीएसटी क्रियान्वयन के कारण राजस्व में हुई कमी को पूरा करने के लिये 97,000 करोड़ रुपये रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की विशेष खिड़की (Special Window) से लें या कुल 2.35 लाख करोड़ रुपये बाजार से कर्ज ले सकते हैं. केंद्र सरकार ने इस राशि को संशोधित कर अब स्पेशल विंडो से 1.10 लाख करोड़ रुपये और बाजार से 1.8 लाख करोड़ रुपये कर्ज कर दिया है.
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