पटना. नेपाल (Nepal) के एक होटल (Hotel) में कुछ साल पहले महिलाओं के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े गए बिहार के तीन न्यायिक अधिकारियों (Three Judicial Officers) को सेवा से बर्खास्त (Dismissed From Service) कर दिया गया है.
बिहार राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, बर्खास्त किए गए न्यायिक सेवा के अधिकारियों में हरि निवास गुप्ता, जितेंद्र नाथ सिंह और कोमल राम शामिल हैं. अधिसूचना में पटना उच्च न्यायालय द्वारा जारी एक पत्र का उद्धरण है. इसमें कहा गया है कि उनकी बर्खास्तगी 12 फरवरी 2014 से प्रभावी मानी जाएगी और वे सेवानिवृत्ति के बाद के सभी लाभों से वंचित होंगे.
गुप्ता उस समय समस्तीपुर में परिवार अदालत के प्रधान न्यायाधीश थे, जबकि सिंह और राम उस समय अररिया जिले में क्रमशः अतिरिक्त जिला न्यायाधीश और अतिरिक्त न्यायाधीश सह मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी थे. पुलिस नेपाल ने विराटनगर में एक होटल में तीनों को छापेमारी के दौरान के पकड़ा था.
बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था, लेकिन मामला तब सामने आया जब एक नेपाली अखबार में इसको लेकर एक खबर छपी. बाद में पटना उच्च न्यायालय द्वारा मामले की जांच शुरू की गई, जिसमें वे दोषी पाए गए और उन्हें सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश की गई. उच्चतम न्यायालय में उनकी अपील पिछले साल ठुकरा दी गई थी.
सख्त कार्रवाई
बता दें कि कल कुछ इसी तरह की खबर मध्य प्रदेश में सामने आई थी. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कथित आपराधिक साजिश और जबरन वसूली के मामले में उत्तर प्रदेश के नोएडा (Noida) से गिरफ्तार किए गए प्रदेश पुलिस (Police) के दो उपनिरीक्षकों और एक कांस्टेबल को बर्खास्त (Dismissed) करने का आदेश दिया.
मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को भोपाल में बताया कि इन तीनों को पहले निलंबित किया गया और बाद में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सख्त कदम उठाते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इन तीनों को नौकरी से बर्खास्त किया जाए.
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