नई दिल्ली. केंद्र सरकार कोरोना संकट (Coronavirus Crisis) के बीच करदाताओं (Taxpayers) की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filing) करने का समय (Deadline) बढ़ा चुकी है. अब तय की गई आखिरी तारीख में सिर्फ 9 दिन बचे हैं. ऐसे में टैक्सपेयर्स जल्द से जल्द अपना आईटीआर फाइल कर दें ताकि कोई गलती होने पर सुधार किया जा सके. अगर टैक्सपेयर रिटर्न दाखिल करने में देरी करते हैं तो कई तरह के फायदे नहीं मिल पाएंगे. देरी से आईटीआर फाइल करने पर एक तरफ इनकम टैक्स में छूट (Income Tax Exemptions) का कम लाभ मिलता है तो दूसरी तरफ टैक्सपेयर पर जुर्माना (Fine) भी लगाया जा सकता है.
भरना पड़ेगा 1 फीसदी प्रतिमाह की साधारण दर से ब्याज
टैक्सपेयर्स को देरी से आईटीआर फाइल करने पर सिर्फ नुकसान ही होगा. आइए समझते हैं कि देरी से आईटीआर फाइल करने पर कौन-कौन से नुकसान उठाने होंगे. सबसे पहले देरी से रिटर्न फाइल करने पर टैकसपेयर्स हाउस प्रॉपर्टी (House Property) को हुए नुकसान के अलावा किसी भी तरह की क्षति को कैरी फार्वर्ड (Carry Forward) नहीं कर सकते हैं. वहीं, आयकर कानून (Income Tax Act) की धारा-234A के तहत करदाता को 1 फीसदी की साधारण दर से हर महीने ब्याज (Simple Interest) भी चुकाना होगा.
वसूला जा सकता है 10,000 रुपये तक का जुर्माना
केंद्र सरकार ने देरी से आईटीआर फाइल करने पर बिलंब शुल्क (Late Fees) वसूलने की व्यवस्था भी कर दी है. वित्त वर्ष 2018-19 से ये व्यवस्था लागू कर दी गई है. इसके तहत अगर कोई टैक्सपेयर तय तारीख के बाद, लेकिन 31 दिसंबर से पहले आईटीआर फाइल करता है तो उससे 5,000 रुपये लेट फाइलिंग फी वसूली जाएगी. वहीं, अगर रिटर्न 31 दिसंबर के बाद फाइल किया जाता है तो करदाता को 10,000 रुपये बिलंब शुल्क का भुगतान करना होगा. हालांकि, अगर करदाता की सालाना इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है तो लेट फीस के तौर पर 1,000 रुपये से ज्यादा नहीं वसूला जा सकता है.
नहीं मिलेगा टैक्स Exemption-Deduction
आईटीआर फाइल करने में देरी के कारण करदाता को जुर्माना भरने के साथ ही कई तरह की इनकम टैक्स छूट से भी हाथ धोना पड़ेगा. इनमें आयकर कानून की धारा-10A और धारा-10B के तहत मिलने वाली छूट नहीं मिल पाएगी. वहीं, धारा-80IA, 80IAB, 80IC, 80ID और 80IE के तहत मिलने वाली छूट से भी हाथ धोना पड़ेगा. इसके अलावा देरी से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के कारण करदाता को आयकर कानून की धारा-80IAC, 80IBA, 80JJA, 80JJAA, 80LA, 80P, 80PA, 80QQB और 80RRB के तहत मिलने वाले डिडक्शन का लाभ भी नहीं मिलेगा.
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