भिलाई. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अब स्थानीय भाषा में भी युवा तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। एआईसीईटी ने तकनीकी कोर्स को हिन्दी में अनुवाद करने सीएसवीटीयू को नोडल एजेंसी बनाया है। अब सीएसवीटीयू में जल्द ही इंजीनियरिंग सहित अन्य तकनीकी कोर्स की अंग्रेजी की किताबों का हिन्दी में अनुवाद किया जाएगा। इसके लिए विवि जल्द ही अनुवादकों को आमंत्रित भी करेगा।
कुलपति डॉ मुकेश कुमार वर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत लिए गए इस निर्णय के बाद खासकर हिन्दी माध्यम के छात्रों को इंजीनियरिंग के पहले साल कोई दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने बताया कि एआईसीईटी से नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अनुवादकों और नई किताब लिखने लेखकों को बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि संभव हुआ तो 2021-22 के सत्र के पहले साल के छात्रों को हिन्दी में कोर्स की किताबें मिल सकेंगी।
कई राज्यों के विवि ले सकेंगे फायदा
कुलपति डॉ वर्मा ने बताया कि नोडल एजेंसी बनाए जाने के बाद सीएसवीटीयू में मध्यप्रदेश, यूपी, बिहार, झारखंड, हरियाणा, पंजाब, उड़ीसा जैसे राज्य के विवि भी अपने कोर्स का हिन्दी में अनुवाद करा सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस भाषातंरण में कई तकनीकी शब्दों को हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में ही लिखा जाएगा ताकि छात्र दोनों ही भाषा से जुड़े रहें। डॉ. वर्मा के अनुसार सीएसवीटीयू में इसके लिए जल्द ही ऑडिनेश पास कराया जाएगा ताकि छात्र पढऩे के साथ-साथ परीक्षा भी हिन्दी में दे सकें। हालांकि पॉलीटेक्नीक कॉलेजों में यह सुविधा उपलब्ध है।
मिलेंगे डेढ़ लाख
डॉ. वर्मा ने बताया कि एआईसीईटी ने अनुवादकों और नए लेखकों को प्रोत्साहित करने डेढ़ लाख रुपए की राशि तय की है। जिन लोगों का चयन अनुवाद और नई किताब लिखने के लिए किया जाएगा। उन्हें यह राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि अंग्रेजी में लिखी गई प्रचलित किताबों के लेखकों, प्रकाशकों के बीच एएमयू की जिम्मेदारी एआईसीईटी की होगी। उन्होंने बताया कि चौथे सेमेस्टर से छात्रों को अंग्रेजी से भी जोड़ा जाएगा, ताकि वे अपनी डिग्री पूरी करने तक अच्छी तरह अंग्रेजी भी सीख सकें।
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