EC से मिली फटकार पर कमलनाथ ने कहा था कि अगर चुनाव आयोग मेरे पूरे भाषण को फिर से देखता है तो उसे समझ आ जाएगा कि कोई दुर्भावना नहीं थी. कमलनाथ ने कहा था कि मेरा मकसद किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था. कमलनाथ के जबाव के बाद चुनाव आयोग ने उन्हें नसीहत दी कि सार्वजनिक तौर पर ऐसे शब्दों का इस्तेमान नहीं करना चाहिए.
नहीं लड़ा था लोकसभा का चुनाव
कमलनाथ ने पिछले साल हुए लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा था. तब वो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. उनकी जगह उनके बेटे नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा से किस्मत आजमाई थी. नकुलनाथ ने इस सीट पर 37,536 वोटों के मामूली अंतर से जीत हासिल की थी. कमलनाथ छिंदवाड़ा सीट से आठ बार सांसद रहे हैं और एक बार उनकी पत्नी इस सीट से चुनाव जीती हैं.
इसी साल (2020) कमलनाथ के हाथ से सीएम की कुर्सी भी चली गई. सिंधिया समर्थक 22 विधायकों के इस्तीफे के कारण कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी. 20 मार्च को कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
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