नई दिल्ली. केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ आंदोलित किसानों (Kisan Andolan) ने कहा है कि वह सरकार से बातचीत करेंगे लेकिन उनकी कुछ शर्तें होंगी. वहीं सोमवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Tomar) ने कहा कि किसानों के साथ वार्ता की अगली तारीख तय करने के लिए सरकार उनसे संपर्क में है.
गौरतलब है कि किसान यूनियनों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन तेज कर दिया है और उन्होंने सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल की. तोमर ने कहा, ‘बैठक निश्चित रूप से होगी. हम किसानों के साथ संपर्क में हैं.’ उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी समय बातचीत के लिए तैयार है. किसान नेताओं को तय करके बताना है कि वे अगली बैठक के लिए कब तैयार हैं.
बता दें प्रदर्शनकारी किसानों की 40 यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार की बातचीत की अगुवाई तोमर कर रहे हैं. इसमें उनके साथ केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग तथा खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश शामिल हैं. केंद्र और किसान नेताओं के बीच अब तक हुई पांच दौर की वार्ताएं बेनतीजा रही हैं.
कुछ घंटे बाद अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति (AIKSCC) ने कहा कि वह कुछ शर्तों के साथ फिर से बातचीत के लिए तैयार है. पंजाब के ज्यादातर किसान तीन कानूनों को पूरी तरह से निरस्त करने का दबाव बना रहे हैं. उनका कहना है कि फिर से बातचीत शुरू करने के लिए तीन आश्वासनों की जरूरत है.
ये हैं किसानों की तीन शर्तें!
पहली- बातचीत पुराने प्रस्तावों पर नहीं हो सकती है, जिसे कृषि संघ पहले ही खारिज कर चुके हैं. दूसरी- सरकार को एक नया एजेंडा तैयार करना चाहिए और तीसरा- बातचीत कृषि कानूनों को निरस्त करने पर केंद्रित होनी चाहिए.
एआईकेएससीसी के सचिव अविक साहा ने कहा कि सरकार बार-बार खारिज किए गए तर्क को सामने ला रही है. किसान वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन तीनों कृषि अधिनियमों और बिजली संशोधन विधेयक 2020 को वापस लेना होगा. एआईकेएससीसी की एक अन्य नेता कविता कुरुगांती ने कहा कि किसानों को फिर से बात करने से परहेज नहीं है. इसलिए अगर सरकार निमंत्रण भेजती है तो भविष्य की बातचीत उनके एजेंडे पर निर्भर होगी.
अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार मामले से वाकिफ एक शख्स ने कहा कि सरकार अनौपचारिक रूप से फोन पर कृषि नेताओं से बात कर रही है. जब चीजें सुलझेंगी तो एक संशोधित एजेंडा के साथ एक औपचारिक आमंत्रण फिर से भेजा जा सकता है.
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