रायपुर. छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाणपत्र वालों को सेवा से बर्खास्त करने के लिए सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रदेश के सभी विभागों से सात दिन में यह जानकारी मंगाई है कि किस विभाग में कितने ऐसे लोग हैं, जिनके जाति प्रमाणपत्र फर्जी हैं। जाति संबंधी मामलों में कार्रवाई के लिए गठित उच्चस्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने विभागों को ऐसी सूची भेजी है।
सामान्य प्रशासन विभाग ऐसे सभी मामलों की जानकारी आने के बाद फर्जी प्रमाणपत्र धारियों को सरकारी सेवा से बाहर करेगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया आदेश सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ.कमलप्रीत सिंह ने इस संबंध में प्रदेश के सभी विभागों, अध्यक्ष राजस्व मंडल, सभी कमिश्नर, सभी विभागाध्यक्ष, सभी कलेक्टरों तथा जिला पंचायतों के सीईओ को पत्र जारी किया है।
पत्र में उन्होंने साफ किया है कि पहले ही निर्देशित किया जा चुका है कि ऐसे शासकीय सेवकों की सेवाएं तत्काल समाप्त की जानी हैं, जिनके जाति प्रमाणपत्र छानबीन समिति द्वारा फर्जी या गलत पाए गए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों, विभागाध्यक्षों से ये भी पूछा है कि आपके विभाग के अधीनस्थ काम करने वाले एससी, एसटी या ओबीसी के ऐसे शासकीय अधिकारी कर्मचारी जिनके जाति प्रमाणपत्र उच्च स्तरीय छानबीन समिति द्वारा झूठे, फर्जी या गलत पाए जाने पर निरस्त किए गए हैं, ऐसे सभी प्रकरणों में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन में क्या कार्यवाही की गई है।
यह सारी जानकारी तत्काल सामान्य प्रशासन विभाग एवं आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को उपलब्ध कराई जानी है।
सीएम ने दिया है निर्देश मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कुछ दिनों पहले ही साफ निर्देश दिया है कि जिन अधिकारियों-कर्मचारियों को जाति प्रमाणपत्र फर्जी हैं, उन्हें सरकारी सेवा से बर्खास्त किया जाए। निर्देश में ये भी कहा गया है कि ऐसे सभी प्रकरणों में महाधिवक्ता छत्तीसगढ़ के माध्यम से शीघ्र सुनवाई के लिए हाईकोर्ट से अनुरोध किया जाए, जिनमें स्टे लिया गया है।
साथ ही जिन प्रकरणों में स्टे नहीं है, इससे संबंधित सेवकों को तत्काल सेवा से बर्खास्त किया जाए। बर्खास्तगी से पहले दायर करें कैविएट सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश में ये भी कहा गया है कि सेवा समाप्ति का आदेश जारी करने से पहले प्रशासकीय विभाग द्वारा हाईकोर्ट में कैवियट दायर किया जाए।
जिन प्रकरणों में न्यायालय का स्थगन प्राप्त हो, उनमें सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुसार विधि विभाग द्वारा समीक्षा की जाए और प्रशासकीय विभाग द्वारा स्थगन समाप्त करने के लिए कार्यवाही तेजी से की जाए।
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