कोरोनाकाल में आवासीय योजनाओं की कोई पूछपरख न होने के कारण छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल, आरडीए के साथ निजी बिल्डरों की हालत पतली हो गई थी, लेकिन त्योहारी सीजन में जिस तरह से लोगों ने घर लेने में रुचि दिखाई है, उसके बाद अब सरकारी के साथ निजी बिल्डर भी नए साल में कई योजनाएं लाने की तैयारी में हैं।
गृह निर्माण मंडल राजधानी रायपुर में दो योजनाओं पर काम कर रहा है। आरडीए भी अपने बजट में कुछ नई योजनाओं काे लाने की तैयारी में है। प्रदेश में हर साल दो हजार करोड़ की सवा सौ से ज्यादा योजनाएं निजी और सरकारी मिलाकर लांच होती हैं, लेकिन इस साल कोरोनाकाल के कारण नई योजनाओं पर अब तक ग्रहण लगा हुआ था। आवासीय योजनाओं में सबसे ज्यादा योजनाएं छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल की आती हैं। मंडल की योजनाओं पर ही लोगों को ज्यादा भरोसा है।
प्रदेशभर में इनकी योजनाओं की पूछपरख ज्यादा होती है। मंडल हर साल तीन से चार सौ करोड़ की योजनाएं लांच करता है। क्रेडाई के जो सदस्य हैं, उनकी ही हर साल करीब 50 से 60 योजनाएं आ जाती हैं। प्रदेश में थोक में ऐसे बिल्डर भी हैं, जो क्रेडाई के सदस्य नहीं हैं, लेकिन मकान निर्माण का काम करते हैं। ऐसे बिल्डरों की भी सालभर में 25 से 30 योजनाएं आ जाती हैं।
मंडल की दो योजनाएं मकान बनाने के मामले में प्रदेश में आज भी पहले नंबर पर गृह निर्माण मंडल ही है। मंडल के बनाए मकान जहां आम जनता के लिए होते हैं, वहीं मंडल सरकारी कर्मचारियों के लिए भी मकान निर्माण करता है। नवा रायपुर में भी मंडल की कुछ योजनाएं चल रही हैं।
मंडल के अधिकारी कहते हैं, कोरोना के कारण इस साल तो कोई योजना लांच नहीं की गई, लेकिन अब नए साल में सड्डू में 25 एकड़ जमीन पर एक योजना के साथ एक योजना शांतिनगर में भी लाने की तैयारी है। इसी के साथ प्रदेश के दूसरे जिलों में भी योजनाओं पर काम चल रहा है।
आरडीए ने भी की खूब कमाई गृह निर्माण मंडल के बाद आरडीए भी आवासीय योजनाओं के मामले में आगे है। इस समय उसकी प्रधानमंत्री आवास योजना में 8925 मकान बनाने की योजनाओं पर काम चल रहा है। इसी के साथ कमल विहार में भी 58 सौ मकान बन रहे हैं और कई योजनाएं चल रही हैं।
आरडीए ने कोरोनाकाल के बाद भी इस साल 1450 मकान करीब 170 करोड़ के बेचे हैं। इसमें से 19 करोड़ के मकान नवंबर में बिके हैं। अक्टूबर में भी पांच करोड़ से ज्यादा के मकान बेचे गए हैं। नए बजट में कुछ नई योजनाओं को लेकर बजट रखने की तैयारी है। निजी बिल्डरों की भी कई योजनाएं सरकारी के साथ निजी बिल्डरों की भी कई योजनाओं नई साल में आएंगी।
निजी बिल्डरों के इस बार त्योहारी सीजन में पांच सौ करोड़ से ज्यादा के मकान बिके हैं। ऐसे में अब निजी बिल्डर भी नए साल में योजनाएं लाने की तैयारी कर रहे हैं। बिल्डर शैलेश वर्मा का कहना है, इस बात की संभावना नहीं थी कि इस बार इतना ज्यादा कारोबार होगा, लेकिन कारोबार बहुत अच्छा हुआ है।
लोगों ने रुचि दिखाते हुए जिस तरह से मकान पसंद किए हैं, उससे इस बात की पूरी संभावना है कि आने वाले नए साल की पहली तिमाही में भी अच्छा कारोबार होगा और बिल्डरों की कई नई योजनाएं भी लांच होंगी।
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