महासमुंद, सुकमा, धमतरी, बेमेतरा, रायपुर ग्रामीण में रिपीट होंगे जिलाध्यक्ष
पीसीसी महासचिव और सचिव में जुड़ सकते हैं कुछ नाम
रायपुर। छत्तीसगढ़ में संगठन को लेकर फंसा पेंच अब कुछ दिनों में सुलझने की उम्मीद है। जिलाध्यक्ष, महासचिव और सचिव के नामों को लेकर काफी दिनों से मशक्त चल रही है। करीब एक साल से इस पर माथापच्ची की जा रही है, लेकिन मामला वहीं का वहीं है। चुनावी वर्ष में संगठन को मजबूती देने के लिए हो सकता है कि जल्द ही नए नामों पर सहमति बने और संगठन में नए चेहरे नजर आए तो कुछ पुराने चेहरों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएया। जिलाध्यक्ष को लेकर काफी ऊहोपोह की स्थिति है। सभी बड़े नेता अपने हिसाब से नाम चाह रहे हैं, जिसकी वजह से किसी एक नाम पर मुहर नहीं लग पा रही है, लेकिन अब ऐसी सूचना आ रही है कि सभी नेताओं को मनाने के बाद सूची का अंतिम रुप दे दिया गया है। सबसे ज्यादा नाम तय करने में मुश्किल रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और बिलासपुर को लेकर हो रही है। प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया एक दिन पहले दिल्ली के लिए रवाना हुए है वही प्रदेशाध्यक्ष भूपेश बघेल भी दिल्ली गए थे, इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि सूची आज-कल में फाइनल हो सकती है। जिन नामों को तय माना जा रहा है उनमें शामिल हैं
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- रायपुर से गिरिश दुबे
- अंबिकापुर से बालकृष्ण पाठक
- कोरिया से नजीर अहमद
- जांजगीर दिनेश शर्मा
- गरियाबंद बाबूलाल साहू
- बिलासपुर ग्रामीण विजय केसरवानी
- कोरबा उषा तिवारी
- राजनांदगांव नवाज खान
- कांकेर भुवनेश्वर नागराज
- दुर्ग शहर आरएन वर्मा
- रायपुर ग्रामीण नारायण कुर्रे
- महासमुंद आलोक चंद्राकर
- बलरामपुर गोपाल प्रसाद गुप्ता
- बीजापुर विक्रम मंडावी
- नारायणपुर रजनू नेताम
- सुकमा करणदेव सिंह
- बेमेतरा आशीष छाबड़ा
- धमतरी मोहन लालवानी
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एआईसीसी और पीसीसी डेलीगेट
राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद अब एआईसीसी और पीसीसी डेलीगेट के लिए भी कवायद शुरु हो गई। दो दिन पहले ऊषा नायडु ने छत्तीसगढ़ का दौरा करके इनके नामों को लेकर मशक्कत की है। कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने एआईसीसी और पीसीसी के लिए तय होने वाले पदों की संख्या में बढ़ोतरी की है साथ ही महिला और युवा कांग्रेस
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