मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को 15 नवम्बर को गोवर्धन पूजा और गौठान दिवस के अवसर पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं और प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि गोवर्धन पूजा लोकजीवन से जुड़ा त्यौहार है। दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है, इसे अन्नकूट के रूप में में जाना जाता है।
छत्तीसगढ़ में इस दिन गायों की पूजा करने की परम्परा रही है। गायों को सजा-धजा कर उनकी पूजा कर खिचड़ी खिलाई जाती है और गोधन के रूप में अमूल्य चीजों के लिए श्रद्धा और आभार प्रकट किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार ने गोधन को सहेजने और उसका लाभ लोगों तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है। सुराजी गांव योजना के तहत प्रदेश में गौठान बनाये जा रहे हैं, ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के साथ ही फसलों की रक्षा हो सके। पशुपालन को अर्थव्यवस्था से जोड़ने, लोगों को रोजगार दिलाने और जैविक खेती को बढ़वा देने के प्रयास किये जा रहे हैं।
गौ पालकों से गोबर खरीद कर वर्मी कम्पोस्ट और दूसरे उपयोगी सामान बनाने की पहल की गई है। इसका फायदा छत्तीसगढ़ के निवासियों को मिलने लगा है। श्री बघेल ने कहा कि गोवर्धन पूजा में खिचड़ी खिलाने की तरह ही हम सभी को साल के 365 दिन गायों के लिये छाया, चारा और पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी।
सीएम ने किया दीपदान
छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद पहली बार होने जा रहे इस आयोजन के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय पर खुद 36 दीयों का दान किया। मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से समिति के संयोजक और छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास सहित आर.पी. सिंह और विनोद तिवारी को 36 दीये दान किए।
इस अवसर पर विधायक द्वय भुवनेश्वर बघेल और इंदर शाह मंडावी, महापौर एजाज ढेबर उपस्थित थे। समिति के संयोजकों में शामिल आरपी सिंह ने बताया कि दीपावली के पावन अवसर पर माता कौशल्या मंदिर में आज यह आयोजन किया जा रहा है।
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