रायपुर. प्रदेश सरकार के ग्रीन पटाखे ही जलाने के आदेश से पटाखा कारोबारियों को ज्यादा नुकसान होने वाला नहीं है। कारोबारियों का साफ कहना है, बाजार में 80 फीसदी से ज्यादा पटाखे ग्रीन मानक वाले ही हैं।
पिछले साल से ही एनजीटी के निर्देश को ध्यान में रखते हुए पटाखा बनाने वाली कंपनियों ने मानकों के मुताबिक ग्रीन पटाखे बनाने प्रारंभ कर दिए हैं। अब तो ऐसे ही पटाखे ज्यादा आते हैं। जो ग्रीन पटाखों की श्रेणी में नहीं आते, ऐसे पटाखे इस साल आए ही नहीं हैं। पुराना स्टॉक जिनके पास होगा, उनको ही इसकी बिक्री में परेशानी होगी।
कारोबारी मान रहे हैं, अगर बिक्री अच्छी हुई तो पूरा स्टॉक निकल सकता है। एनजीटी के निर्देश को देखते हुए प्रदेश सरकार ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध तो नहीं लगाया है, लेकिन त्योहार में महज ग्रीन पटाखे ही जलाने की इजाजत दी है।
इस आदेश के बाद ऐसा माना जा रहा था, पटाखा कारोबारियों को बड़ा नुकसान हो सकता है, लेकिन कारोबारियों का कहना है, सरकार के ग्रीन पटाखों के आदेश से हम लोगों को कोई परेशानी होने वाली नहीं है, क्योंकि पिछले साल से ही ज्यादातर पटाखे ग्रीन श्रेणी के ही आ रहे हैं। इस साल हम लाेगों ने वैसे भी स्टॉक कम मंगाया है। इस बार सारे पटाखे ग्रीन श्रेणी के ही आए हैं।
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